नई दिल्ली। उत्तरी दिल्ली नगर निगम द्वारा ओडीएफ प्रोटोकॉल और कचरा मुक्त शहर पर आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला का समापन आज डॉ. एसपीएम सिविक सेंटर के अरुणा आसफ अली सभागार में हुआ। इस अवसर पर उप महापौर अर्चना, पर्यावरण प्रबंधन सेवाएं समिति के अध्यक्ष, सुरजीत ठाकुर, आयुक्त, संजय गोयल, प्रमुख निदेशक (पर्यावरण प्रबंधन सेवाएं), प्रदीप बंसल व अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
इस अवसर पर उप महापौर ने अधिकारियों को कार्यशाला में भाग लेने के लिए भागीदारी प्रमाण पत्र वितरित किए। दो दिवसीय कार्यशाला के दौरान अधिकारियों को ओडीएफ प्रोटोकॉल के मानकों एवं कचरा मुक्त शहर बनाने के संबंध में विभिन्न कार्यों के बारे में अधिकारियों व कर्मचारियों को विस्तारपूर्वक समझाया गया। इसके साथ ही ओडीएफ प्रमाणपत्र प्राप्त करने के संबंध में विभिन्न नियमों के बारे में भी कर्मचारियों को विस्तार से समझाया गया।
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उप महापौर अर्चना ने कहा कि उत्तरी दिल्ली नगर निगम का मुख्य कार्य क्षेत्र में स्वच्छता बनाए रखना है, जिसके लिए निगम के कर्मचारी दिन-रात काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में स्वच्छता बनाए रखना हम सबकी जिम्मेदारी है, शहर को स्वच्छ रखने में नागरिकों का सहयोग भी जरूरी है। प्रबंधन सेवाएं समिति के अध्यक्ष, श्री ठाकुर ने कहा कि इस कार्यशाला से अधिकारियों और कर्मचारियों ने बहुत कुछ सीखा है और इससे उन्हें अपने काम को और अधिक कुशलता से निष्पादित करने में मदद मिलेगी।
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आयुक्त, संजय गोयल ने कहा कि इस कार्यशाला के माध्य में अधिकारियों व कर्मचारियों को ओडीएफ प्रमाणपत्र प्राप्त करने के संबंध में विभिन्न नियमों के बारे में विस्तार से समझाया गया। इस कार्यशाला के आयोजन से हमें काफी मदद मिलेगी। कार्यशाला के दौरान निगम के अधिकारी ने बताया कि भारत सरकार के आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय ने कचरा मुक्त शहरों की स्टार रेटिंग शुरू की है। यह स्टार रेटिंग विभिन्न मापदंडों पर आधारित है जिसके अनुसार सभी शहरी स्थानीय निकायों को इन मानकों के आधार पर 1 से 7 स्टार रेटिंग दी जाएगी।