यु.सि., नई दिल्ली। कैमरे के सामने रोज मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल लोगों की मदद करने के बड़े-बड़े वादे करने का ढोंग रचना और फिर दिल्लीवालों को उनकी हालत पर ही छोड़ देना, यह केजरीवाल अच्छी तरह से जानते हैं। लेकिन हकीकत तो यह है कि प्रदेश के सरकारी तो क्या प्राइवेट हॉस्पिटल में भी बेड उपलब्ध नहीं हैं, यह कहना हैं भारतीय जनता पार्टी (BJP) के विधायक अनिल बाजपेयी का। उन्होंने सीएम केजरीवाल के कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा कि केजरीवाल पिछले 6 सालों से यही करते आ रहे हैं, उनकी कथनी और करनी में काफी अंतर है।
विधायक बाजपेयी ने कहा कि लोगों की मदद करने के बड़े-बड़े वादे करने का ढोंग रचना और फिर दिल्लीवालों को उनकी हालत पर ही छोड़ देना, ये केजरीवाल के कार्यशैली का एक हिस्सा है। उन्होंने मुख्यमंत्री पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि दिल्ली के शांति मुकुंद अस्पताल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के ऑफिस में कई बार फोन करके गुहार लगाई कि हॉस्पिटल में गैस खत्म हो रही है, कृपया इंतजाम कराए क्योंकि कई सारे मरीज जिंदगी और मौत की लड़ाई लड़ रहे हैं, लेकिन दिल्ली सरकार द्वारा अभी तक कोई इंतजाम नहीं किया गया है।
उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी ने अपने सरकारी हॉस्पिटल में आईएएस नोडल अफसर लगा दिए हैं और उनकी हालत ये है कि उनको कई बार फोन करते हैं तो अधिकतर अधिकारियों के मोबाइल पर या तो घंटी बजती है या मोबाइल स्विच ऑफ होता है। बाजपेयी ने कहा कि केजरीवाल जी द्वारा ट्वीटर पर सभी को भारतीय बनकर कोरोना की इस लड़ाई में एक साथ लड़ने का संदेश बहुत अच्छा लगता है, लेकिन अगर दिल्ली की जनता उनसे ऑक्सिजन के लिए गुहार लगाए और उसका इंतजाम न हो, तो ये बहुत दुःख की बात है, उन्होंने आम आदमी पार्टी के मुखिया से अनुरोध किया कि कृपया तुरंत शांति मुकंद हॉस्पिटल में गैस सिलेंडर उपलब्ध कराए ताकि मौत और जिंदगी से लड़ रहे लोगों की जान बचाई जा सके।