नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (BJP) के वरिष्ठ नेता रहे लोकनेते स्वर्गीय गोपीनाथ राव मुंडे जी की सातवीं पुण्यतिथि पर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने गुरुवार को श्री मुंडे की स्मृति में भारतीय डाक विभाग द्वारा जारी स्पेशल कवर और कैंसिलेशन का विमोचन किया और इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को वर्चुअली संबोधित किया गया। कार्यक्रम में बीजेपी नेता पंकजा मुंडे, सांसद डॉ प्रीतम मुंडे और केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद उपस्थित रहे।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए श्री नड्डा ने कहा कि जमीन से जुड़े, अपार जनसमर्थन के धनी, गरीब किसान, दलित पिछड़ों की राष्ट्रीय फलक पर आवाज बने श्रद्धेय गोपीनाथ मुंडे का जीवन संघर्ष और साहस का अद्भुत मिश्रण रहा है। वे पिछड़े वर्ग से आते थे लेकिन जनजातीय समाज, अनुसूचित जातियों और किसानों में समान रूप से लोकप्रिय थे। वे राजनेता होने के साथ-साथ एक किसान भी थे। वे सच्चे मायनों में बहुजन समाज के नेता थे।
भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि श्रद्धेय मुंडे एक ओजस्वी वक्ता होने के साथ-साथ कई विषयों के प्रखर ज्ञाता थे। एक ओर वे संसद में 100-100 से अधिक किसान प्रतिनिधिमंडलों को बुलाते थे, उनसे सहज भाव से मिलते थे और उन्हें संसद भवन दिखाते थे तो वहीं वे उतनी ही सहजता से जापान और चीन के प्रतिनिधिमंडलों से भी संसद के भाजपा कार्यालय में बात करते थे। उन्होंने कहा कि पेड़ के नीचे जिस गोपीनाथ ने कभी शिक्षा पाई, वह भारत के केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री पद तक पहुंचे, तो इसके पीछे उनकी अपनी मेहनत और लगन था। वे नई सोच के धनी थे। अपनी आत्मीयता से हजारों कार्यकर्ताओं को साथ में लिए चलना और ऐसा साथ निभाना कि हर परिस्थिति में वे साथ खड़े दिखते थे। उनकी सरलता ही उनके व्यक्तित्व का आभूषण था।
श्री नड्डा ने कहा कि किसान परिवार में जन्मे गोपीनाथ मुंडे जीवन पर्यंत किसानों, गरीबों, मजदूरों, पिछड़ों एवं वंचितों के जीवन उत्थान के लिए संघर्षरत रहे। उन्होंने सदैव गरीबों, पिछड़ों एवं वंचितों को पार्टी से जोड़ने का कार्य किया। गरीबी और सूखे से त्रस्त बीड जिले में लोगों की दुर्दशा के खिलाफ उन्होंने संघर्ष किया। छोटी सी आयु में ही महाराष्ट्र में भाजपा संगठन की जो नींव रखी और भाजपा को दलितों, पिछड़ों, गरीबों और मजदूरों तक पहुंचाने का जो भगीरथ प्रयास किया, उसी के बल पर आज भारतीय जनता पार्टी महाराष्ट्र में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में प्रतिष्ठित हुई है। जब केंद्र में नरेन्द्र मोदी की अगुआई में भाजपा की सरकार बनी तो गोपीनाथ मुंडे की कार्यकुशलता को देखते हुए उन्हें गांवों, गरीबों, मजदूरों, दलितों और पिछड़ों के उत्थान के लिए ग्रामीण विकास मंत्रालय का प्रभार दिया गया। उनका असमय ही हम सबको छोड़ कर चले जाना न केवल पार्टी के लिए, बल्कि देश और समाज के लिए भी एक अपूरणीय क्षति रहा, किंतु उनका संघर्ष हम सभी के लिए प्रेरणा पुंज की तरह है जो सदैव हमारा पथ प्रदर्शन करता रहेगा और हमें आने वाले अनंत काल तक प्रेरणा देता