जिस तरह ब्रह्म समाज के संस्थापक राजा राममोहन राय ने महिलाओं के हक के लिए उस समय समाज की सबसे बुरी प्रथा सती प्रथा का विरोध किया और इसके लिए अनबरत समाज में जन-जागरण एवं आंदोलन चलाया जिसके फलस्वरूप 1829 में सती प्रथा के विरुद्ध तत्कालीन सरकार ने कानून बनाया और भारत में सती प्रथा जैसी कुरीतियों को खत्म किया यह एक महिलाओं की आजादी की शुरुआत थी परंतु हमारे पुरुष प्रधान समाज में आज भी महिलाओं को पूरा अधिकार नहीं दिया है जिससे कि वह अपनी सोच को खुल कर समाज के सामने रखें और उस पर अमल करें। हालांकि आज महिलाओं के लिए समाज में बहुत सी सुविधाएं एवं कानून बनाई गई है जिससे महिलाओं अपनी बात को समाज के सामने रख सके परंतु मुझे भी यह कहने में गुरेज नहीं है कि आज भी बहुत जगह और समाज में महिलाओं को हक नहीं दिया जा पा रहा है जिसका जो वह हकदार है परंतु बिहार महिला सम्मान के मामले में पूरे देश को एक आइना दिखा रही है और इसके नेतृत्व करता बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज के समय में कहें तो महिला उत्थान के लिए दूसरा राजा राममोहन राय कहे तो गलत नहीं होगा।
आज के समय में महिला उत्थान के लिए नीतीश कुमार ने जो कार्य किए हैं वह काबिले तारीफ है और महिला उत्थान के दिशा में एक मील का पत्थर है जिसे पार करना आज किसी के बस की बात नहीं है। मैं इस मौके पर श्री नीतीश कुमार जी के किये कुछ कार्यों को संक्षिप्त में जरूर बताना चाहूंगा जिससे इसके महिलाओं और इसके विकास की सोच पता चलेगी कि यह महिलाओं के उत्थान के लिए कितना तत्पर है। नीतीश कुमार की सोच ही है कि अगर किसी समाज का संपूर्ण विकास करना है तो उसके सबसे पहले महिला का विकास जरूरी है मुझे सन दो-हजार के दशक की एक बात याद आ रही है जब मैं स्कूल में पढ़ता था और नीतीश कुमार जी से मिलने का सौभाग्य प्राप्त हुआ तब इन्होंने एक बात कही थी कि आप सबसे पहले महिला सुरक्षा और विकास के बारे में सोचो क्योंकि जब एक महिला आत्मनिर्भर हो जाती है तो दो परिवार को आत्मनिर्भर और शिक्षित करती है।
नीतीश कुमार को सोच इन सभी उनके किये कार्यों से भी दिखता है किस जब वह 2005 में बिहार के मुख्यमंत्री बने तो उन्होंने स्कूल की छात्राओं के लिए पोशाक योजना चलाया जिससे कि बिहार की बच्चियों का स्कूल में बेतहाशा वृद्धि हुई। उसके बाद उन्होंने नौवीं कक्षा में जाने वाली बच्चियों के लिए साइकिल योजना की शुरुआत की क्योंकि जब बच्चियां नौवीं कक्षा में चली जाती है तब उन्हें हाई स्कूल में जाना पड़ता है और दो-चार गाँव में एक हाई स्कूल होते है और उन्हें आने जाने की परेशानी ना हो और वह पढ़ाई के साथ-साथ अपने परिवार में मां का भी हाथ बटाए जैसे कि बिहार में होता रहा है। मैं साइकिल योजना का जिक्र इसलिए भी करना चाहूंगा कि जिस समाज में बच्चियां घर से बाहर नहीं जा सकती है वहां दो से पांच किलोमीटर पढ़ने के लिए साइकिल से जाती हैं इससे समाज में बहुत ही सकारात्मक बदलाव देखने को मिला और बच्चियां के आत्मविश्वास भी में भी वृद्धि हुई कि मैं भी कुछ कर सकती हूँ।
इससे यह देखा गया कि दसवीं कक्षा में लड़कियां का पास करने की प्रतिशत में बेतहाशा वृद्धि हुई। इस मौके पर मैं बिहार के महिला आरक्षण का जिक्र जरूर करना चाहूंगा जिसे नीतीश कुमार ने दिया जिसमें एक तरफ तो उन्होंने सरकारी नौकरियों में 35 प्रतिशत का सभी वर्गों की महिलाओं को आरक्षण दिया वहीं दूसरी तरफ जो महिला अपने घर में अपनी बात रखने में संकुचाती थी उन्हें स्थानियों निकाय में 50 प्रतिशत आरक्षण दिया जिसके फलस्वरुप आज महिलाएं जिलो से लेकर प्रखंड स्तर के अधिकारी के साथ अपने गांव और क्षेत्रों का विकास की रूपरेखा लिख रही है और मुझे कहने में गुरेज नहीं है कि पुरुषों से अच्छा कार्य कर रही हैं। आज नीतीश कुमार की सोच की देन है कि बिहार में लगभग 64 प्रतिशत महिलाएं स्थानीय स्तर पर प्रतिनिधित्व कर रही है। आज महिलाएं बड़े से बड़े योजनाओं को बना रही हैं और लागू करवा रही हैं।
मैं इस मौके पर बिहार की शराबबंदी की चर्चा जरूर करना चाहूंगा कि किस तरह बिहार में शराबबंदी लागू हुआ क्योंकि जब यह प्रस्ताव आया था उस समय मैं भी मौजूद था बात 2015 के चुनाव से कुछ समय पहले की है महिलाओं का एक कार्यक्रम पटना के कृष्णा मेमोरियल हाल में चल रहा था और कार्यक्रम खत्म होने पर कुछ महिलाएं ने मांग किया कि बिहार में शराब को बंद कर दिया जाए क्योंकि इससे महिलाओं को बहुत परेशानी होती है तो कई महिलाएं अपने घर में इसका शिकार होती हैं तो कई महिलाएं और हमारी बच्चियां गली, चैराहे, रोड़ो पर अभद्र भाषा का सामना करना पड़ता है। तब नीतीश कुमार ने कहा
कि अगर इस बार सत्ता आप लोगों ने दिया तो मैं शराब को बिहार से बंद करवा दूंगा और सरकार में आने के बाद उन्होंने शराबबंदी कि जिस जिसका अनेक फायदा आज समाज को देखने को मिल रहा है इस सभी कार्य को देखते हुए मुझे कहने में कोई गुरेज नहीं है कि आज के आधुनिक काल में महिला सम्मान और आत्मनिर्भर समाज की स्थापना में सबसे ज्यादा किसी का योगदान है तो वह बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का है वह सच्चे मायने में दूसरे राजा राममोहन राय हैं।
(विचार), आशीष रंजन सिंह
जद(यू) राष्ट्रीय कार्यालय सह सचिव