नई दिल्ली। राष्ट्र निर्माण पार्टी ने अपराधि प्रवृति पार्टियों की मान्यता समाप्त करने की मांग की है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा. आनंद कुमार ने बताया की 10 अगस्त 2021 को सुप्रीम कोर्ट द्वारा राजनैतिक क्षेत्र में बढ़ रहे अपराधीकरण को रोकने हेतु अनेक राजनैतिक पार्टियों को कोर्ट की अवमानना का दोषी मानते हुए उनके ऊपर एक लाख रुपए से लेकर पांच लाख रुपए तक का जुर्माना लगाया था। राष्ट्र निर्माण पार्टी ने चुनाव आयोग से मांग की है कि ऐसी दंडित पार्टियों की मान्यता समाप्त की जाए या उनका चुनाव चिन्ह जब्त किया जाए या ऐसे विजयी प्रत्याशी जिनके विरूद्ध आपराधिक प्रकरण थे तथा जिन्होंने माननीय उच्चतम न्यायालय के निर्देशों का अनुपालन नहीं किया, उनका चुनाव निरस्त किया जाए।
गौरतलब है कि फरवरी 2020 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा यह निर्णय दिया गया था कि यदि राजनैतिक पार्टियां चुनावों में ऐसे व्यक्तियों को टिकट देती हैं जिनकें विरूद्ध आपराधिक प्रकरण हैं तो उसकी जानकारी टीवी व अखबारों के माध्यम से आम जनता को संबंधित पार्टियों द्वारा दी जाएगी। किंतु बिहार विधानसभा के चुनावों में राजनैतिक पार्टियों द्वारा सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों की अवहेलना की गई जिस पर उपरोक्त दंडात्मक कार्यवाही माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा की गई है।
डा. कुमार ने कहा कि उनकी पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित कर उच्चतम न्यायालय का इस प्रकार के निर्णय के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया है तथा आशा व्यक्त की है कि राजनीति के शुद्धिकरण में यह निर्णय बहुत महत्वपूर्ण सिद्ध होगा। डा. कुमार ने आगे बताया कि उनकी पार्टी के घोषणा पत्र में प्रथम स्थान पर राजनैतिक अपराधीकरण को तथा दूसरे नंबर पर भ्रष्टाचार को समाप्त करने का संकल्प है तथा पार्टी इन दोनों मुद्दों पर निरंतर संघर्ष कर रही है तथा आगे भी करती रहेगी।
यदि भारत चुनाव आयोग हमारी मांग पर अगले 15 दिन में कोई निर्णय नहीं लेता है तो पार्टी इस विषय पर चुनाव आयोग के कार्यालय पर धरना देगी। पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने निर्णय किया कि निकट भविष्य में उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनावों व दिल्ली के नगर निगम चुनावों में राष्ट्र निर्माण पार्टी भाग लेगी। प्रत्याशियों के चयन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है एवं चुनावी रणनीति के संबंध में भी राष्ट्रीय कार्यकारिणी में विचार विमर्श किया गया। प्रत्याशियों के चयन की प्रक्रिया में यह सुनिश्चित किया जाएगा कि कोई भी प्रत्याशी आपराधिक पृष्ठभूमि का न हो।