बिहार सरकार के खिलाफ माले ने निकाला जिले भर में राज्यव्यापी धिक्कार दिवस

विधानसभा में पुलिस की गुण्डागर्दी लोकतंत्र के इतिहास में काला दिन-माले।
माले ने निकाला जिले भर में राज्यव्यापी धिक्कार दिवस

नीरज त्रिपाठी, ब्यूरो

विधायकों की पुलिस द्वारा पिटाई के खिलाफ माले ने जिले भर में निकाला धिक्कार दिवस, मुख्यमंत्री का फूंका पुतला कहा, विधानसभा में पुलिस की गुण्डागर्दी लोकतंत्र के इतिहास में काला दिन।

आरा। बिहार विधानसभा पटना में मंगलवार को राजद के विधायकों पर हुई लाठी चार्ज को लेकर भाकपा-माले का राज्यव्यापी आह्वान पर आज आरा, सहार, तरारी, पवना, अजीमाबाद, तरारी, पीरो, गड़हनी, चरपोखरी, पीरो सहित भोजपुर के विभिन्न जगहों पर धिक्कार दिवस के तहत मार्च व मुख्यमंत्री का पुतला दहन किया गया। आक्रोशित लोगों ने बिहार पुलिस और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।
साभा को सम्बोधित करते हुए माले नेताओं ने कल विधानसभा से विपक्ष के विधायकों को पुलिस द्वारा घसीटते हुए बाहर निकालने और फिर लात-घूसों से उनकी बर्बर पिटाई की कड़ी निंदा की और इसे लोकतंत्र के इतिहास में एक काला दिन बताया है। नेताओं ने कहा कि भाजपा-जदयू लोकतंत्र की हत्या करके बिहार को फासीवादी शासन की ओर धकेलना चाहती है।

प्रदर्शनकारियों ने कहा, बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस विधेयक, 2021 में जो आशंकाएं जाहिर की जा रही थीं, उसका नजारा कल विधानसभा के अंदर ही देखने को मिल गया। जब जनता के चुने हुए प्रतिनधियों के साथ सरकार ऐसा व्यवहार कर सकती है तो सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि भाजपा-जदयू बिहार को किस दिशा में ले जाना चाहते हैं? पुलिस ने महिला विधायकों तक को नहीं छोड़ा। माले के नेताओं ने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस के अलावा सिविल ड्रेस में और भी दूसरे लोग थे जो विपक्ष के विधायकों पर जानलेवा हमले कर रहे थे। पुलिस द्वारा विपक्ष के विधायकों को पिटवाकर विधेयक पास करवाना कौन सा लोकतंत्र है? बिहार की जनता सबकुछ देख रही है। इसके खिलाफ हमारी लड़ाई विधानसभा के अंदर व बाहर जारी रहेगी।

नेताओं ने कहा कि नीतीश जी यह काला कानून भाजपा के दबाव में फासीवादी एजेंडा को लागू करवा रहें हैं। अगर विपक्ष कमजोर हुआ तो एक समय इस कानून का हमला इनके ऊपर ही भाजपा वाले करेंगे। आखिर सरकार पुलिस को इतना अधिकार देने में बेचैन क्यों हैं? क्योंकि सरकार के पास छात्र नौजवानों को शिक्षा, रोजगार, किसानों को फसल के दाम, देने का कुछ रह गया है। और जिसके खिलाफ आज छात्र नौजवान, किसान, मजदूर सभी लोग सड़कों पर है। इसी लिए आज बिहार सरकार सोशल मिडिया और आंदोलन करने पर प्रतिबंध लगाने का तुगलकी फरमान जारी की है।

आरा में यह मार्च भाकपा माले जिला कार्यालय श्री टोला से निकल कर शहर के विभिन्न मार्गों से शिवगंज मोड़, कर्मन टोला, नवादा, होते हुए रेलवे परिसर पहुंचा जहां एक छोटी सभा की गई। जिसमें भाकपा माले केंद्रीय कमिटी सदस्य राजू यादव, राज्य कमेटी सदस्य क्यामुद्दीन अंसारी, आइसा राज्य सचिव शब्बीर कुमार, इंनौस जिला संयोजक शिव प्रकाश रंजन, जिला कमेटी सदस्य गोपाल प्रसाद, राजनाथ राम, ऐपवा नगर सचिव शोभा मंड़ल, चंदन कुमार, बिष्णु ठाकुर, रामानुज, अजय गांधी, निरंजन केशरी, नंदजी, बालमुकुंद चैधरी, हरिनाथ, ललन यादव, सुरेश पासवान, राजेंद्र यादव, अभय सिंह, रौशन कुशवाहा, धीरेंद्र आर्यन, रमीता देवी, अमीत बंटी, लल्लू यादव, चंदेश्वर राम, विकास कुमार, नेहा कुमारी, पिंकी कुमारी, आदी प्रदर्शन में शामिल हुए।

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