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नई दिल्ली. आज आम बजट 2022-23 पेश किया गया है. इस बजट में हेल्थ सेक्टर (Health Sector) के लिए कई घोषणाएं की गईं हैं. खासकर कोरोना काल (Covid-19 Period in India) में की गई कई घोषणाओं का भी वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने जिक्र किया. उन्होंने कहा कि हमारे सामने ओमिक्रॉन लहर की चुनौती है. देश में वैक्सीनेशन की गति ने इससे निपटने में काफी मदद की है. वित्त मंत्री ने आत्मनिर्भर स्वास्थ्य योजना का तोहफा देते हुए स्वास्थ्य बजट में 135 प्रतिशत का इजाफा करने का ऐलान किया है. इसे 94 हजार से बढ़ा कर 2.38 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया है. इसके साथ ही केंद्र सरकार स्वास्थ्य के क्षेत्र में अगले 6 सालों में करीब 61 हजार करोड़ रुपये खर्च करेगी.
वित्त मंत्री ने कहा है कि प्राइमरी लेवल से लेकर उच्च स्तर तक की स्वास्थ्य सेवाओं पर अब सरकार का फोकस रहेगा. खासकर नई बीमारियों को लेकर विशेष सावधानी बरती जाएगी और वह उस पर जो खर्च किए जाएंगे वह नैशनल हेल्थ मिशन से अलग हट कर होगा.
75 हजार ग्रामीण हेल्थ सेंटर खोले जाएंगे
इस बजट के मुताबिक देश में 75 हजार ग्रामीण हेल्थ सेंटर औऱ खोले जाएंगे. देश के सभी जिलों में जांच केंद्र और 602 जिलों में क्रिटिकल केयर हॉस्पिटल खोले जाएंगे. इसके साथ ही न्यूटिशन पर फोकस किया जाएगा और जल जीवन मिशन (अर्बन) भी लॉन्च किया जाएगा. 500 अमृत शहरों में सैनिटाइजेशन पर फोकस किया जाएगा. स्वच्छता के लिए करीब 2 लाख 80 हजार करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. शहरी स्वच्छ भारत मिशन 2.0 पर अगले 5 सालों में एक लाख 41 हजार करोड़ रुपए खर्च होंगे. इसके साथ ही 2 हजार करोड़ रुपये सिर्फ स्वच्छ हवा के लिए किया जाएगा.
पिछले बजट में क्या था
गौरतलब है कि पिछले बजट 2021-22 के लिए कोविड-19 वैक्सीन के लिए 35,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था. पिछले बजट में स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए तीन बातों रोकथाम, उपचार और देखभाल पर ध्यान दिया गया था. बजट 2022-23 में भी इसका ख्याल रखा गया है.
कोरोना को लेकर क्या विशेष हेल्थ प्रोग्राम
बता दें कि इस बार के बजट में कोरोना से मानसिक बीमारी के लिए नेशनल टेलीमेंटल हेल्थ प्रोग्राम शुरू करने की घोषणा की गई है. बता दें कि मानसिक बीमारियों की स्थिति में स्वास्थ्य सेवाओं के लिए दूरसंचार या वीडियो कांफ्रेंसिंग तकनीक का उपयोग करना ही टेलीमेंटल हेल्थ है. जानकार बताते हैं कि मानसिक रोगियों के लिए टेलीमेंटल हेल्थ काफी प्रभावी रहा है. कोविड महामारी के कारण इसकी जरूरत और अधिक बढ़ गई है.
मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम होंगे शुरू
इसके साथ ही राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य पारिस्थितिकी तंत्र के लिए एक खुला मंच शुरू किया जाएगा. इसमें स्वास्थ्य प्रदाताओं और स्वास्थ्य सुविधाओं की डिजिटल रजिस्ट्रियां, विशिष्ट स्वास्थ्य पहचान, सहमति ढांचा और स्वास्थ्य सुविधाओं तक आसानी से लोगों की पहुंच सुनिश्चित की जाएगी. साथ ही राष्ट्रीय टेली मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम भी शुरू किया जाएगा. कोरोना महामारी ने सभी उम्र के लोगों में मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं को बढ़ा दिया है. गुणवत्तापूर्ण मानसिक स्वास्थ्य परामर्श और देखभाल सेवाओं तक बेहतर पहुंच के लिए एक ‘राष्ट्रीय टेली मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम’ शुरू किया जाएगा.
इस बार के बजट में 129 करोड़ रुपये की लागत से पूर्वोत्तर भारत के गुवाहाटी में एक बाल चिकित्सा और कैंसर अस्पताल की स्थापना की जाएगी. बता दें कि 2022-23 के लिए स्वास्थ्य बजट में 86 हजार 606 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं. साल 2021-22 के लिए 85 करोड़ 915 रुपये आवंटित किए गए थे.
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