प्रमोद गोस्वामी, (पत्रकार व राजनीतिक विश्लेषक)
कोरोना महामारी से दिल्ली ही नही पूरा देश सदमे में है। ऐसे समय में देश के सभी मुख्यमंत्री अपने-अपने राज्यों में कोरोना वायरस से लड़ रहे है। कोई भी राज्य अन्य राज्यों को मदद नही कर रहा। इस समय दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आगे गंभीर संकट छाया हुआ है। दिल्ली की स्वास्थ्य व्यवस्था दम तोड़ रही है। अस्पतालों में ऑक्सीजन नही मिलने से लोग जिंदगी की आखरी सांस ले रहे है, रोज सैकड़ों मौतें हो रही है। बैड की कमी है जिसके कारण कोरोना मरिजों को इलाज के अभाव में ही दम तोड़ना पड़ रहा है। आलम ये है कि दिल्ली में कोरोना के आंकड़ों में इजाफा हो रहा है रोज के 24-25 हजार लोग संक्रमित हो रहे है। आज स्थिति हाथ से निकलने के बाद मुख्यमंत्री केजरीवाल ने दुसरे राज्यों व देश के प्रमुख उद्योगपतियों से मदद की गुहार लगाई है।
सीएम अरविंद केजरीवाल ने एक पत्र लिखकर उद्योगपतियों से मदद मांगी। सीएम केजरीवाल ने पत्र के माध्यम से गुहार लगाई है कि दिल्ली में ऑक्सीजन का उत्पादन नहीं होता है और जैसा कि आप जानते हैं, दिल्ली में मौजूदा समय में ऑक्सीजन की भारी कमी है, यदि आप दिल्ली सरकार को इस समय क्रायोजेनिक टैंकरों के साथ ऑक्सीजन प्रदान कर सकते हैं, तो मैं आभारी रहूंगा। मुख्यमंत्री केजरीवाल ने अपने पत्र में लिखा है कि दिल्ली में कोविड मामलों में अभूतपूर्व वृद्धि के कारण हमारी आवश्यकताओं से काफी कम ऑक्सीजन मिल पा रहा है। हमें अपनी ऑक्सीजन की जरूरतों को पूरा करने में केन्द्र सरकार से मदद मिली है, लेकिन कोरोना की तिव्रता में यह अपर्याप्त है, कृपया इसे एसओएस समझें।
कोरोना मानव को नहीं मानवता को परास्त किया है
यही नही सीएम केजरीवाल ने सभी राज्य के मुख्यमंत्रियों को भी पत्र लिखा है। कहा, अगर किसी के पास अतिरिक्त ऑक्सीजन है तो दिल्ली को उपलब्ध कराएं, यदि आप हमें अपने राज्य से टैंकरों के साथ ऑक्सीजन उपलब्ध करा सकते हैं तो मैं आपके सहयोग के लिए व्यक्तिगत रूप से आभारी रहूंगा। पिछले कुछ दिनों में कोरोना के गंभीर मामलों में तेजी से वृद्धि के कारण दिल्ली के कई अस्पतालों में ऑक्सीजन की किल्लत हो रही है।
ऑक्सीजन के लिए करता रहा मुख्यमंत्री को कॉल नही मिली कोई मदद
दिल्ली को कोरोना महामारी से बचाने के लिए मुख्यमंत्री केजरीवाल आज दुसरों के आगे गिड़गिड़ा रहे है, जब कोविड की पहली लहर दुनिया में आई जिससे भारत भी अछूता नही रहा, तब दिल्ली ने सबक क्यों नही लिया? जब दिल्ली में कोरोना के केस शून्य पर थे, तब मुख्यमंत्री केजरीवाल ने प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था दुरूस्त क्यों नही की? आज विपक्ष भी कह रहा है कि विज्ञापन में करोड़ो रूपये खर्च किए गए, उन रकम से दिल्ली में ऑक्सीजन प्लांट लगाया जा सकता था। अस्पतालों में बैड बढ़ाया जा सकता था। दुनिया में स्वास्थ्य व्यवस्था का डंका पीटने वाले केजरीवाल आज लाचार क्यों? दिल्ली में राजस्व की कमी नही, देखा गया जिस दिन सीएम ने एक सप्ताह का मीनी लाॅकडाउन का ऐलान किया तो दिल्ली में शराब की दुकानों पर जबरदस्त भीड़ थी लोग शराब खरीदने के लिए एक दुसरे के उपर चढ़ रहे थे। मुखपटृी तो थी लेकिन शारीरिक दुरी का कोई ख्याल नही कर रहा था। दिल्ली सरकार के पास प्रयाप्त बजट नही जो दिल्ली पर आए संकट से निपट सकें? आखिरकार दिल्ली का बजट कहां गया?