यु.सि., नई दिल्ली। देश की आजादी के लिए शहीद हुए क्रांतिकारियों की शहादत को याद करते हुए आजादी के अमृत महोत्सव पर भारत विकास परिषद के तत्वाधान में न्यायमूर्ति एसएन अग्रवाल द्वारा लिखी गई पुस्तक भारत की आजादी में क्रांतिकारियों की शहादत का पुस्तक लोकार्पण पूर्व सरकार्यवाह, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ सुरेश भैयाजी जोशी, एवं केंद्रीय शिक्षा मंत्री भारत सरकार धर्मेंद्र प्रधान के द्वारा नई दिल्ली में किया गया।
इस पुस्तक में न्यायमूर्ति अग्रवाल द्वारा ब्रिटिश शासन में ब्रिटिश शासकों द्वारा ब्रिटिश कानून की धज्जियां उड़ा कर भारत की आजादी में क्रांतिकारीयो को जो असहनीय प्रताड़ना, जुल्म व अत्याचार किए गए है उनका विस्तार से उल्लेख किया गया हे और साथ ही क्रांतिकारियों की साहस, वीरता, देशभक्ति, पराक्रम व शहादत से पायी आजादी की मिसाल को वर्णित किया है।
इस अवसर पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान कहा कि कानून की स्थापना करने में दस्तावेज का विशेष महत्व है, आजादी की लड़ाई में क्रांतिकारिओं के साथ हुए अत्याचारों के दस्तावेज रूप में यह पुस्तक एक महत्वपूर्ण कदम हैं। उन्होंने देश की अलग अलग काल खंडो में उन्नत संस्कृति और सभ्यता का वर्णन किया और कैसे हमारे देश ने समय समय पर समस्त जगत को प्रेरित किया।
भैयाजी जोशी ने अपने उदबोधन में बताया की आजादी के संघर्ष का बीज 1857 में बोया गया और कश्मीर से कन्याकुमारी तक सभी साधारण जनमानस ने एक सैनिक की भांती इस संघर्ष में भाग लिया जो विश्व में अनूठा उदाहरण है। इस संघर्ष को महान क्रांतिकारियों ने अपने बलिदान से सींचा और 90 वर्षो बाद 1947 में जाकर देश को आजादी मिली। भारत हमेशा से अपने चिंतन, व्यवहार, सभ्यता में अग्रणी रहा है और इस विचार ने ही अब तक भारत को कितने ही अक्रान्ताओ और षड्यंत्रों से सुरक्षित रहा है। आज इस अमृतवर्ष में हम सबको अपने युवा शक्ति के बल पर देश को आगे ले जाना है और आने वाली चुनौतियों से संघर्ष करने के लिए युवाओ को दिशा देनी है। हमारा इतिहास महातपस्वियो और शोधकर्ताओं का रहा है और संस्कारो के माध्यम से ही आने वाले समय में हम देश के लिए मरने वाले नहीं बल्कि देश के लिए जीने वाले बनेंगे और एक जिवंत भारत को भविष्य की पीढ़ी ले लिए तैयार करेंगे। इस अवसर पर परिषद् से सुरेश जैन, राष्ट्रीय संगठन मंत्री भारत विकास परिषद एवं राष्ट्रीय महामंत्री श्याम शर्मा उपस्तिथि रहे।