नई दिल्ली। 26 जनवरी गणतंत्र दिवस के अवसर पर राजपथ पर पहली बार श्रीराम मंदिर की झांकी भी देखने को मिलेगी। ऐसा पहली बार होगा जब गणतंत्र दिवस के दिन राजपथ पर अयोध्या की झलक दिखाई देगी। महज तीन दिन बाद राजपथ पर दर्शायी जाने वाली झांकी में इस वर्ष उत्तर प्रदेश की ओर से श्रीराम जन्म भूमि पर अयोध्या में बन रहे भव्य मंदिर को दर्शाया जाएगा.. जहां एक तरफ अयोध्या में भव्य मंदिर का निर्माण हो रहा है ऐसे में मंदिर को गणतंत्र दिवस के मौके पर झांकी के रूप में शामिल करना देश में ही नही पूरे विश्व में भारतीय संस्कृति का प्रतीक होगा।
श्रीराम मंदिर के अनुरूप झांकी को बनाया गया है, म्यूरल में भगवान राम का निषादराज को गले लगाना, शबरी के बेर खाना, अहिल्या उद्धार, केवट संवाद, हनुमान जी द्वारा संजीवनी बूटी लाना, जटायू राम संवाद, अशोक वाटिका आदि के दृश्यों को दर्शाया गया है। मध्य झांकी के अग्रभाग में अयोध्या के दीपोत्सव में दिखाया गया है, जिसमें लाखों दिये जलायें जाते हैं वर्ष 2017 से लगातार भव्य दीपोत्सव के आयोजन में ‘गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड’ में लगातार तीन बार रिकार्ड दर्ज कराया है। झांकी के दोनों ओर साध्वी एवं संतो को दिखाया है जो प्रभु राम के प्रति भक्ति भावना एवं अनन्य प्रेम को प्रदर्शित करते हैं।
उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक नगरी अयोध्या की प्राचीन सांस्कृतिक विरासत, संस्कार एवं सौन्दर्य को प्रदर्शित करती है। झांकी के प्रथम भाग में महर्षि वाल्मीकि को रामायण की रचना करते हुये दर्शाया गया है। झांकी के मध्य भाग में जनभावनाओं एवं भक्ति से जुड़े अयोध्या की सांस्कृतिक पहचान के प्रतीक श्रीराम मन्दिर को दर्शाया गया है। मन्दिर का यह मॉडल बरबस भक्ति एवं श्रृद्धा का भाव पैदा करता है।
अयोध्या के राजा ब्रह्मा के पुत्र मनु के पुत्र इक्ष्वाकु द्वारा बसाई गई अयोध्या उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक नगरी कहलाती है इसे अष्टचक्र नवद्वार से युक्त अयोध्या कहा गया है जिसका वर्णन अथर्ववेद में प्राप्त होता है। वाल्मीकि द्वारा रचित रामायण में राम का जन्म स्थान अयोध्या है। श्रीराम जन्म भूमि अयोध्या पूरे विश्व में सनातन संस्कृति का प्रतीक स्थल है।