लोक कलाओं एवं बहुआयामी संस्कृति को समेटे हुये 32वां अन्तर्राष्ट्रीय सूरजकुंड मेले का शुभारंभ

फरीदाबाद। प्रत्येक वर्ष फरवरी माह में लगने वाले 32वां अन्तर्राष्ट्रीय सूरजकुंड मेलेे में इस वर्ष जहाॅ एक ओर मेले के मुख्य चैपाल को रामायण थीम पर तैयार किया गया है, वहीं दूसरी ओर अयोध्या में आयोजित दीपावली पर्व परिदृश्य का भी सजीव चित्रण किया गया है। मर्यादा पुरूषोत्तम भगवान श्रीराम जी के पुष्पक विमान द्वारा अयोध्या पहुॅचने का चित्र बरबस बीते हुये कल की याद दिला रहा है, जिससे स्थानीय दर्शक एवं पयर्टक अपनी निगाहें नहीं हटा पा रहे हैं। मेला परिसर में बने चैपाल में रामसेतु एवं अयोध्या नगरी की भव्यता से परिचित कराने के लिये कारीगरों द्वारा भरपूर सार्थक कोशिश की गयी है। मेले में छः द्वार क्रमशः वन्य द्वार पर प्रदेश के वन्य द्वार, अयोध्या द्वार, बृज द्वार, अवध द्वार, बुद्व द्वार, कुम्भ द्वार और बुंदेलखण्ड द्वार तैयार किये गये हैं जो हरियाणवी धरती पर अपनी साॅस्कृतिक एवं पुरातात्विक भव्यता से पूरे प्रदेश का चित्रण कर रहे हैं।
विभिन्न प्रकार की लोक कलाओं, धरोहरों एवं बहुआयामी संस्कृति को अपने आप में समेटे हुये इस बार सूरजकुंड मेले का उद्घाटन हरियाणा के मुख्यमंत्री और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को विधिवत फीता काट कर किया। इस दौरान उन्होंने सूरजकुंड अन्तराष्ट्रीय क्राफट्स मेले में लगे विभिन्न स्टालों का भी अवलोकन किया। इस मेले में ग्रामीण परिवेश को पसंद करने वाले महिलाओं एवं पुरूषों के लिये एक नई सीख एवं सोच प्रदान कर रहा है। इस बार सूरजकुंड मेले का थीम उत्तर प्रदेश रखा गया है। इस दौरान उन्होंने उत्तर प्रदेश एवं हरियाणा सरकार के मध्य रोडवेज बसों के आवागमन हेतु समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर भी किये। अपने सम्बोधन के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल को मथुरा में आयोजित होली महोत्सव में आने का भी न्योता दिया। मेले में प्रदेश के पयर्टक स्थलों मथुरा, वृंदावन, प्रयागराज, काशी के घाटों तथा अयोध्या को द्वारों पर कलाकृतियों के माध्यम से बडे ही मनमोहक ढंग से प्रदर्शित किया गया है। मुख्यमंत्री योगी ने कहा मेले भारतीय लोक परम्पराओं और साॅस्कृतिक विरासतों को आगे बढाते हैं। सूरज कुंड मेला दुनिया भर में हस्त शिल्पियों के लिये एक महत्वपूर्ण स्थान है, जहाॅ हस्तशिल्पियों के उत्कृष्ठ नमूने देखने को मिलते हैं। उत्तर प्रदेश प्राचीन काल से ही आध्यात्मिक दृष्टि से सबल एवं समृद्व प्रदेश रहा है। मेले में उत्तर प्रदेश थीम के माध्यम से सूरज कुंड मेला परिसर में इस बार वाराणसी के विभिन्न घाटों यथा तुलसी घाट, मर्णिकर्णिका घाट, हरिश्चन्द्र घाट, गंगा महल घाट, अस्सी घाट एवं संगम घाट का मनमोहक सजीव चित्रण दर्शकों को अवश्य ही अपनी ओर आकर्षित करेगा।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि 32 वें अन्तराष्ट्रीय क्राफट्स महोत्सव प्रतिवर्ष बडे ही धूमधाम से देशों एवं प्रदेशों की भागीदारी से आयाजित किया जाता है। हमारा देश विभिन्न प्रकार की लोक कलाओं और शिल्पियांे का संगम स्थान है। सूरजकुण्ड मेला हमारी प्राचीन संस्कृति को प्रगाढ बनाये में अहम भूमिका रखता है। इस बार भी लगभग 1000 से अधिक कलाकार एवं बुनकर अपनी कलाकृतियों के माध्यम से अपना प्रदर्शन कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश हमारे देश का सबसे बडा राज्य है जहाॅ की संस्कृति देश व दुनिया में अपना अलग ही रंग बिखेरती है। मेले में स्थापित सभी पंढाल अपने-अपने प्रदेश की छटा के अलग-अलग आकर्षण का केंद्र हंै। उन्होंने कहा कि आज हरियाणा की धरती पर उत्तर प्रदेश एवं हरियाणा के मध्य जो समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हुये हैं, प्रदेशीय सम्बंधों में नया अयाम स्थापित करेगा बल्कि देश दुनिया मंे भ्रमण करने वालों के लिये यात्रा को सरल एवं सुगम बनायेगा।

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