नई दिल्ली। नगर निगम के सफाई कर्मचारी और डी.बी.सी. वर्कर्स हड़ताल पर हैं जिसके चलते उत्तरी दिल्ली में जहां सफाई व्यवस्था पूरी तरह से चरमराई हुई है। वहीं गंदगी के चलते मच्छरों का प्रजनन तेजी से हो रहा है। जिससे निकट भविश्य में चिकनगुनियां, डेंगू व मलेरिया आदि बीमारियां फैल सकती हैं। इसी को लेकर मंगलवार को बुलाई गई निगम सदन की बैठक राजनीति की भेंट चढ़ी।
सदन में मौजूद राजनीतिक पार्टीयों के पार्षदों ने व्यक्तिगत राजनीति के चलते एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा सदन में जमकर हंगामा किया। शोर-शराबे के चलते महापौर को कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी और एजेंडा पारित करना पडा। कांग्रेस दल के नेता मुकेश गोयल ने निगम सदन की बैठक में सफाई कर्मचारी और डी.बी.सी. वर्कर्स की हड़ताल और उससे दिल्ली में विकट होती सफाई व्यवस्था का मामला उठाया।
गोयल ने कहा कि सत्तारूढ़ भाजपा और विपक्ष आम आदमी पार्टी की व्यक्तिगत राजनीति और हंगामें के चलते मंगलवार को बुलाई गई निगम सदन की बैठक में जनहित से जुडे महत्वपूर्ण मुददों पर चर्चा नहीं हो पायी।
गोयल ने आरोप लगाया कि भाजपा और आम आदमी पार्टी के नेता वास्तव में सफाई कर्मियों और डी.बी.सी. वर्कर्स के हितैशी नहीं हैं। इन पार्टियों के नेता सफाई कर्मियों की हडताल पर केवल राजनीति कर रहें हैं। उन्होंने मांग की कि दिल्ली की केजरीवाल सरकार जल्द से जल्द धन मुहैया करायें ताकि निगम में कार्यरत कर्मियों को वेतन, एरियर आदि समय पर मिल सके।
गोयल ने सदन में प्रस्ताव रखा कि सफाई कर्मचारियों, डी.बी.सी. वर्कर्स को नियमित किया जाये। उनके बकाया एरियर, बोनस व वेतनमान का भुगतान किया जाये और निगम में उक्त
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कर्मियों के रिक्त पदों को शीघ्र भरा जाये साथ ही डी.बी.सी. वर्कर्स के पद तय किये जायें क्योंकि अभी तक ये वर्कर्स अनुबंध आधार पर बिना पद के कार्यरत हैं। करीब दो सप्ताह से जारी हडताल के कारण उत्तरी दिल्ली के प्रत्येक वार्ड में जगह जगह कूडे के ढेर लग गये हैं। अगर सफाई कर्मियों की हडताल जल्दी खत्म नहीं कराई गई तो निकट भविश्य में दिल्ली की स्थिति और भयावह हो जायेगी।