कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि ये तीनों कानून किसानों के हित में हैं, लेकिन फिर भी किसी सुधार की आवश्यकता किसानों को लगती है, तो सरकार विचार करने को तैयार है।
यु.सि., दिल्ली। नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन बीच सोमवार को केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी को देश भर से आये विभिन्न किसान संगठनों समर्थन में ज्ञापन सौंपते हुए आभार व्यक्त किया। इनमें इंडियन किसान यूनियन नई दिल्ली, राष्ट्रीय अन्नदाता यूनियन लखनऊ, राष्ट्रीय युवा वाहिनी लखनऊ, अखिल भारतीय बंग परिषद नई दिल्ली, भारतीय किसान संगठन दिल्ली प्रदेश, कृषि जागरण मंच पश्चिम बंगाल, प्रगतिशील किसान क्लब हरियाणा, जे एंड के किसान काउंसिल जम्मू और कश्मीर, जे एंड के डेरी प्रोड्यूसर्स प्रोसेसर्स एंड मार्केटिंग कॉप. यूनियन लिमिटेड जम्मू, महाराष्ट्र राज्य कृषक समाज जलगांव महाराष्ट्र और भारतीय कृषक समाज गाजियाबाद के प्रतिनिधिमंडल ने आज यानी सोमवार को नए कृषि सुधार बिलों के समर्थन में ज्ञापन दिया और कहा कि ये सभी बिल किसानों के हित में हैं, इन्हें वापस नहीं लिया जाना चाहिए।
किसान संगठनों से मुलाकात के बाद कृषि राज्य मंत्री कैलाश चैधरी ने कहा कि 29 दिसंबर को किसानों की ओर से वार्ता का प्रस्ताव स्वीकार करने के फैसले का स्वागत करते हैं। सरकार बहुत पहले से ये कहती आ रही है कि हम बातचीत करना चाहते हैं। अब किसान नेताओं ने सरकार को चिट्ठी लिख बैठक की तारीख तय की है। हम उसका स्वागत करते हैं, वे आएं, बैठें और बातचीत करें। सरकार जानती है कि किसी भी समस्या का हल बातचीत से ही निकलता है। कैलाश चौधरी ने आगे कहा कि ये तीनों कानून किसानों के हित में हैं, लेकिन फिर भी किसी सुधार की आवश्यकता किसानों को लगती है, तो सरकार विचार करने को तैयार है। हम छह दौर की वार्ता कर चुके हैं और मुझे उम्मीद है ये बातचीत का दौर अच्छा रहेगा। मुझे उम्मीद है कि ये बातचीत का अंतिम दौर होगा और समस्या का समाधान होगा।
कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए नए कृषि कानूनों के लाभ गिनाए। श्री चौधरी ने कहा कि विपक्ष कृषि कानून को लेकर किसानों को गुमराह कर रहा है, पिछले 6 महीने से कानून लागू हैं लेकिन कोई शिकायत नहीं आई है।