देशों के प्रतिनिधि को विषेश अतिथि के रुप में बुलाना भारत की परंपरा रही है।

नई दिल्ली, न्यूज़ डेस्क। भारत आज अपना 69वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। इस मौके पर आसियान देशों के दस प्रमुख शामिल हुए। भारत के लिए किसी अन्य देशों के प्रतिनिधि को विषेश अतिथि के रुप में बुलाना और मेहमान-नवाजी करना यह भारत की पुरानी परंपरा रही है। ऐसा पहली बार हुआ है की आसियान देशों के सभी प्रमुख मुख्य अतिथि के तौर पर गणतंत्र दिवस के मौके पर या यू कहे कि देशउत्सव में शामिल हुए। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शुक्रवार की सुबह राजपथ पहुंच कर सर्वप्रथम अमर जवान ज्योति की सलामी ली और देश के शहिद जवानों को श्रद्धांजलि दी। प्रोटोकाॅल की तहद प्रधानमंत्री मोदी ने आसियान देशों से आए विषेश अतिथियों का खुद अगुवानी की। यह पहली बार था जब इतने नेता हमारे अतिथि बने। देश की राजधानी दिल्ली के राजपथ पर एक बार फिर से विश्व को भारत की ताकत और शौर्य की झलक देखने को मिली। ऐसा पहली बार हुआ कि राजपुताना राइफल रेजीमेंट के दस्ते राजपथ पर आसियान देशों के झंडे लेकर पहुंचे थे।
भावुक हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद
भारतीय वायु सेना (आईएएफ) के गरुड़ कमांडो ज्योति प्रकाश निराला, जो जम्मू एवं कश्मीर में आतंकवादियों से लड़ते हुए शहीद हो गए थे, उन्हें मरणोपरांत अशोक चक्र से सम्मानित किया गया। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने निराला की पत्नी को यह सम्मान प्रदान किया। इस सम्मान को लेने के लिए शहीद निराला की मां और पत्नी जैसे ही राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के निकट पहुंचे राष्ट्रपति की आंखें भर आई। उसी समय राष्ट्रपति कोविंद रूमाल से अपनी आंखें पोंछते नजर आ रहे थे।
परेड में विभिन्न राज्यों, मंत्रालयों की झांकियां देखने को मिलीं। पहली बार बीएसएफ की 113 महिलाओं ने परेड में हिस्सा लिया। परेड के आखिर में प्रधानमंत्री मोदी का निराला अंदाज देश को देखने को मिला, प्रधानमंत्री मोदी जहां भी जाते है वहां कुछ क्षण पैदल चलकर लोगों से जरूर मिलते है। परेड स्थल पर प्रधानमंत्री आसियान देशों के प्रमुखों के साथ राजपथ पर पैदल चलकर लोगों से रुबरू हुए।

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