नई दिल्ली। दीपक फर्टिलाइजर्स और पेट्रोकमिकल्स कॉरपोरेशन लिमिटेड (डीएफपीसीएल) ने साल 2017 की समाप्ति पर तीसरी तिमाही के वित्तीय नतीजों की घोषणा की है। स्टैंडअलोन आधार पर कंपनी की इस तिमाही में कुल आय 944.39 करोड़ रूपये थी। इस अवधि में कर पूर्व लाभ (पीबीटी) 37.17 करोड़ रूपये और कर पश्चात् लाभ (पीएटी) 26.19 करोड़ रुपये दर्ज किया गया। चूंकि, मौजूदा वित्तीय वर्ष के लिए पुनर्गठन मई 2017 से प्रभावी है, इसलिये इन नतीजों की तुलना पिछले वर्ष की आलोच्च तिमाही के साथ नहीं की जा सकती है।
समेकित आधार पर कंपनी की कुल आय 50 प्रतिशत बढ़ी। वित्तीय वर्ष 2018 की तीसरी तिमाही में यह आमदनी बढ़कर 1651.56 करोड़ रूपये हो गई, जबकि वित्त वर्ष 2017 की तीसरी तिमाही में यह 1102.90 करोड़ रूपये थी। पीबीटी में 5 प्रतिशत की मामूली गिरावट दर्ज की गई। वित्त वर्ष 2017 की तीसरी तिमाही में यह 81.10 करोड़ रुपये था, जबकि वित्तीय वर्ष 2018 की तीसरी तिमाही में यह 77.10 करोड़ रुपये हो गई। पीएटी में 12 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई। यह वित्त वर्ष 2017 की तीसरी तिमाही में 51.63 करोड़ रूपये था, जो वित्तीय वर्ष 2018 की तीसरी तिमाही में 57.58 करोड़ हो गया। उच्च श्रेणी कच्चे सामान, खासकर अमोनिया की लागत भी तीसरी तिमाही में बढ़ी, जो वर्ष-दर-वर्ष आधार पर करीब 40 प्रतिशत तक बढ़ गया, जिससे कंपनी के मुनाफे पर भी प्रभाव पड़ा।
समेकित आधार पर वित्त वर्ष 2018 की तीसरी तिमाही में केमिकल सेगमेंट ने 1191.61 करोड़ रूपये का राजस्व कमाया, जबकि वित्त वर्ष 2017 की तीसरी तिमाही में यह 921.32 करोड़ रूपये रहा था। सेगमेंट का लाभ वित्त वर्ष 2018 की तीसरी तिमाही में 160.65 करोड़ रूपये तक रहा, जबकि इसके मुकाबले वित्त वर्ष 2017 की तीसरी तिमाही में यह वित्तीय लाभ 164.00 करोड़ रूपये रहा था। इंडस्ट्रियल केमिकल के सेगमेंट की शीर्ष स्तरीय वृद्धि में रणनीतिक व्यापारिक गतिविधियों का महत्वपूर्ण योगदान रहा। उत्पादित उत्पादों ने वाॅल्यूम्स में बढ़ोतरी दर्ज की। हालांकि, वित्त वर्ष 2018 की तीसरी तिमाही में वित्त वर्ष 2017 की तीसरी तिमाही के मुकाबले राजस्व में आंशिक रूप से 3 प्रतिशत की कमी आई, क्योंकि राजस्व से जीएसटी अलग हो गया, जबकि तुलनात्मक आंकड़ों में एक्साइज ड्यूटी शामिल थी। आक्रामक मार्केटिंग रणनीति के साथ बाजार में बढ़ी हुई मांग के आधार पर टेक्निकल अमोनियम नाइट्रेट (टीएएन) का उत्पादन पहली तिमाही में पहली बार 10 लाख मीट्रिक टन को पार कर गया। इसके सबसे ज्यादा उत्पादन का तो रिकॉर्ड बना ही, साथ ही 92 प्र्रतिशत क्षमता का उपयोग भी किया गया।
फर्टिलाइजर्स की श्रेणी में नए संचालित किए जा रहे एनपीके प्लांट से एनपीके का उत्पादन तेजी से स्थिर हो रहा है और नए निर्मित ग्रेड के आधार पर मार्केट की प्रतिक्रिया मिल रही है। नए प्लांट की क्षमताओं का इस्तेमाल उम्मीद के मुताबिक किया गया। इस तिमाही के दौरान क्षमता का इस्तेमाल 81 प्रतिशत था, जिससे पिछली तिमाही के मुकाबले इस तिमाही में राजस्व में 96 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई। वित्त वर्ष 2018 की तीसरी तिमाही में फर्टिलाइडर सेगमेंट का राजस्व 449.03 करोड़ रूपये था, जोकि वित्त वर्ष 2017 की तीसरी तिमाही में 229.50 करोड़ रूपये रहा था। इस श्रेणी का लाभ वित्त वर्ष 2018 की तीसरी तिमाही में 9.89 करोड़ रूपये रहा, जबकि इसकी तुलना में वित्त वर्ष 2017 की तीसरी तिमाही में 1.66 करोड़ रूपये का घाटा हुआ था। नए एनपीके प्लांट में फर्टिलाइजर्स की थोक बाजार में खरीद मार्केट में सैपल देने के लिए की गई थी। इसके बाद व्यापारिक गतिविधियां धीरे-धीरे कम की गईं और बाजार की मांग को प्लांट में बने उत्पादों द्वारा पूरा किया जायेगा।
डीएफपीसीएल के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक श्री शैलेश सी. मेहता ने कहा, ‘‘बजट के दौरान वित्त मंत्री अरुण जेटली की किसान समर्थक और आधारभूत ढांचे को समर्थन देने की पहल कंपनी के लिए काफी उत्साहनजक है। हमें पूरा विश्वास है कि इन्हें लागू किये जाने के बाद कंपनी का विकास तो होगा ही, साथ ही उसका परफॉर्मेंस भी सुधरेगा।