नई दिल्ली। दिल्ली के कोरोना कैपिटल बनने पर चिंता जताते हुए तीनों निगमों द्वारा कोरोना से लड़ने की तैयारियों पर दिल्ली भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने आज कहा कि यह जगजाहिर है कि केजरीवाल सरकार ग्राउंड पर भले काम न करें लेकिन क्रेडिट लेने में सबसे आगे रहती है। दिल्ली में कोरोना संक्रमण आने से लेकर 16 जून तक सिर्फ 3 लाख 4 हजार ही कोरोना टेस्ट हुए थे और स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो गई थी। मोदी सरकार के हस्तक्षेप के बाद 16 जून से लेकर अब तक दिल्ली में एक लाख 33 हजार लोगों के कोरोना टेस्ट हो चुके हैं, जिसमें 29,000 लोग पॉजिटिव पाए गए, इसके अलावा रैपिड एंटीजन टेस्टिंग के जरिए 6 लाख लोगों का मुफ्त में टेस्ट किया जा रहा है। मोदी सरकार के प्रयासों से राधास्वामी व्यास में भी 10,000 बेड कोरोना मरीजों के लिए तैयार है, और इसका भी श्रेय केजरीवाल सरकार लेना चाहती है।
उत्तरी दिल्ली के महापौर जय प्रकाश जेपी ने कहा कि लॉकडाउन की अवधि में नगर निगम ने संकल्प और प्रतिबद्धता के साथ अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करते हुए दिल्ली के लोगों की सेवा की है। 4-एस के फार्मूले के साथ नगर निगम कर्मचारियों ने अपनी जान की परवाह किए बगैर दिल्ली को स्वच्छ रखने के लिए काम और प्रतिदिन नगर निगम के सभी विभागों ने मिलकर सैनिटाइजेशन का भी काम किया, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करवाने के लिए हर क्षेत्र में माइक पर नगर निगम कर्मचारी अनाउंसमेंट करते हैं, श्रमिक मजदूर भाई-बहनों को हर प्रकार की सहायता पहुंचाई। 9000 हजार लीटर की क्षमता वाली 9 स्प्रिंकल वाली गाड़ियां, 3000 लीटर की क्षमता वाली 6 पावर स्प्रे गाड़ियों के माध्यम से प्रतिदिन नगर निगम कर्मचारी दिल्ली को सैनिटाइज करते आ रहे हैं। हॉटस्पॉट जोन में काम कर रहे नगर निगम कर्मचारियों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए 36 डॉकिंग स्टेशन बनाए गए जहां पर उन्हें सारी सुविधाएं दी गई। आज कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए दिल्ली को अस्पतालों और बेड की जरूरत है इसलिए उत्तरी दिल्ली नगर निगम ने सभी मूलभूत सुविधाओं के साथ 6 अस्पतालों में 607, 71 स्कूलों में 6804, 12 कम्युनिटी सेन्टर में 634 बेड की व्यवस्था तैयारी की है।
दक्षिणी दिल्ली के महापौर अनामिका मिथिलेश ने कहा कि दिल्ली सरकार हमेशा इसी बात का रोना रोती रहती है कि उनके पास संसाधन नहीं है इसलिए वह कोई काम नहीं कर सकते हैं वहीं हमारे नगर निगम कर्मचारी पूरी निष्ठा के साथ बिना दिल्ली सरकार के सहयोग और संसाधन के भी बिना भी दिल्ली के लोगों की सेवा कर रहे हैं। दिल्ली सरकार का यही उद्देश्य होता है कि वह कार्य न करें बल्कि वाहवाही के लिए विज्ञापन के जरिए प्रचार प्रसार करें। नगर निगम के सभी विभागों के कर्मचारी कोरोना योद्धा के रूप में जमीनी स्तर पर काम कर रहे हैं, लेकिन केजरीवाल सरकार का सारा ध्यान विज्ञापन पर ही केंद्रित है। स्कूलों के भवन में 10538 और कम्युनिटी हॉल में 1100 बेड की क्षमता है। पूरे उत्साह के साथ नगर निगम के दिल्ली के लोगों को सुरक्षित रखने के लिए काम कर रही है और निरंतर करती रहेगी।
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पूर्वी दिल्ली के महापौर निर्मल जैन ने कहा कि नगर निगम ने कोरोना महामारी के रोकथाम के लिए सभी तैयारियां कर ली है। 227 स्कूलों की 53 साइट, 27 कम्युनिटी हॉल को मिलाकर 4320 बेड की व्यवस्था है। पूर्वी दिल्ली नगर निगम के अंतर्गत 16 विधानसभा क्षेत्र आते हैं और हर विधानसभा क्षेत्र में एक आइसोलेशन सेंटर बनाने की तैयारियां की जा चुकी है जिसके संचालन हेतु संबंधित जिलाधिकारी को भी सूचित किया गया है। प्रतिदिन 2100 टन कूड़ा उठाया जा रहा है और केंद्र सरकार की ओर से मिले 40 ट्रकों के जरिए 64 वार्डों में दो शिफ्ट में सैनिटाइजेशन का काम किया जा रहा है। कम्युनिटी सेंटर में 1140 और स्कूलों में 3180 बेड की तैयारी की जा रही है। उन्होंने कहा कि नगर निगम की ओर से दिल्ली सरकार को पूरा सहयोग किया दिया जा रहा है लेकिन दिल्ली सरकार की ओर से कोई भी सकारात्मक सहयोग नहीं मिल रहा है।