ग्राहक रीता नेगी ने कहा, मैं लगभग एक महीने पहले खाता खुलवाया। मैं गर्भवती महिला हूं आंगनबाड़ी द्वारा खाता नंबर मांगा जा रहा है। एक महीने में कई बार बैंक के चक्कर काट चुकी हूं पासबुक नहीं मिली।
अल्मोड़ा, ब्यूरो
धौलछीना। ग्राहक सेवाओं को लेकर अक्सर चर्चा में रहने वाला भारतीय स्टेट बैंक (SBI) मैं पिछले तीन महीने से प्रिंटर खराब होने से लोगों को भारी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। धौलछीना स्थित भारतीय स्टेट बैंक की शाखा लंबे समय से अपनी लचार व्यवस्थाओं के साथ चल रही है। आए दिन बैंक के प्रिंटर मशीन, कंप्यूटर खराब हो जाना आम बात है। यही नहीं बैंक का प्रिंटर 3 महीनों से खराब पड़ा है। जिस कारण ग्राहकों की नई पासबुक नहीं बन पा रही है। महीनों से खराब पड़े प्रिंटर को ठीक करवाने पर बैंक प्रबंधन द्वारा कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
ठीक कराने को जिला मुख्यालय भेजा है बता कर जनता से पल्ला झाड़ रहे हैं! जिसके चलते उपभोक्ताओं में रोष है। वर्तमान में सरकार द्वारा चलाई जा रही कई डिजिटल ऑनलाइन योजनाओं आदि योजनाओं में बैंक पासबुक की छायाप्रति मांगी जा रही है। लेकिन बैंक शाखा में प्रिंटर खराब होने से पासबुक नहीं मिल पा रही है। ग्रामीण दूरदराज से हर रोज पासबुक बनवाने तथा पुरानी भर चुकी पासबुक की नई पासबुक बनवाने बैंक शाखा में पहुंचते हैं पर हर बार उन्हें प्रिंटर खराब होने की जानकारी देकर भेज दिया जाता है! इसके चलते ग्राहक मायूस होकर लौटना पड़ता है।
गौरतलब है कि जून महीने में बैंक की अव्यवस्थाओं को लेकर व्यापार मंडल धौलछीना वह प्रधान संगठन भैंसिया छाना ने क्षेत्रीय जनता तथा उपभोक्ताओं को साथ लेकर 29 जून को बैंक में तालाबंदी कर दी थी। एसबीआई के रीजनल ऑफिसर अल्मोड़ा वह उच्चाधिकारियों से मिले आश्वासन के बाद दो से तीन माह के अंदर बैंक की व्यवस्था व एटीएम ठीक करवाने के लिखित आश्वासन पर बैंक का ताला खोला गया। लेकिन तब से अब तक बैंक की व्यवस्थाओं में कुछ भी बदलाव नहीं आया है। शिवाय ब्रांच मैनेजर को बदलने के जिससे न तो एटीएम ही ठीक हुआ और ना ही बैंक की व्यवस्थाओं में सुधार हुआ। मात्र 2 कर्मचारी एक बैंक मैनेजर तथा कैशियर के सहारे चल रहा है। 4500 से अधिक उपभोक्ताओं का लेनदेन वाली बैंक में दो क्लर्क वह एक कैश ऑफिसर के पद रिक्त हैं! इसी सप्ताह कैश ऑफिसर का भी स्थानांतरण हो चुका है।
बैंक में टोकन की व्यवस्था नहीं है जिस कारण ग्राहकों को घंटों चेक व पासबुक हाथ में लेकर लाइन मैं खड़ा रहना पड़ता है। कई बार बुजुर्ग उपभोक्ता गश खाकर गिर पड़ते हैं। ग्राहकों को बैठने की भी उचित व्यवस्था नहीं है सोशल डिस्टेंसिंग का किसी प्रकार का पालन नहीं हो रहा है। वहीं कई उपभोक्ताओं ने बताया कि बैंक स्टाफ का ग्राहकों के प्रति व्यवहार ठीक नहीं रहता है। बैंक कर्मचारियों द्वारा ग्राहकों को धक्का देकर बैंक के बाहर खड़ा किया जाता है। कई बार ग्राहकों के साथ मारपीट तक हो चुकी है। व्यापार मंडल अध्यक्ष दरबान सिंह रावत तथा प्रधान संगठन अध्यक्ष चंदन सिंह मेहरा ने आरोप लगाया कि
पिछले कई वर्षों से बैंक ने ग्राहक गोष्टी तक नहीं कराई है। फिर से एक बार बैंक का एटीएम ठीक करवाने वह बैंक की व्यवस्थाएं को लेकर जिला अधिकारी को ज्ञापन सौंपेंगे वह पुनः आंदोलन करने की चेतावनी दी है!
क्या कहना है ग्राहकों का..
रीता नेगी ग्राम ऊटियां ने कहा, मैं लगभग एक महीने पहले खाता खुलवाया। मैं गर्भवती महिला हूं आंगनबाड़ी द्वारा खाता नंबर मांगा जा रहा है। एक महीने में कई बार बैंक के चक्कर काट चुकी हूं पासबुक नहीं मिली।
आरती तिवारी, ग्राम खाकरी.. डेढ़ महीना पहले खाता खुलवाया गौरा देवी कन्या धन योजना के लिए पासबुक की छायाप्रति चाहिए। महीने में चार से पांच बार बैंक के चक्कर लगा चुकी हूं लेकिन अभी तक पासबुक नहीं मिल पाई है। हर बार सौ रूपये आने जाने मैं खर्च हो जा रहा है
माया देवी ग्राम कलौन.. जून में खाता खुलवाया था तब से अब तक दर्जनों बार पासबुक के लिए बैंक आ चुकी हूं। हर बार प्रिंटर का बहाना बनाकर वापस भेज दिया जाता है।
आनंद सिंह ग्राम दियारी… जुलाई में खाता खुलवाया था तब से अब तक तीन किस्त भी जमा हो चुकी हैं। लेकिन पासबुक अभी तक नहीं मिली।
बैंक कर्मचारी पासबुक नहीं कागज में दे रहे हैं खाता नंबर
विभिन्न सरकारी योजनाओं में लोगों से खाता नंबर के साथ पासबुक की छायाप्रति मांगी जा रही है। लेकिन धौलछीना एसबीआई में महीनों से पासबुक प्रिंटर खराब पड़ा हुआ है। जिस कारण पासबुक नहीं मिल पा रही है। नए ग्राहकों को पन्ने में लिखकर नंबर दिया जा रहा है। नए खाताधारकों को बैंक द्वारा एक पर्ची में खाता नंबर लिखकर दे दिया जा रहा है। बैंक में लगी पासबुक एंट्री मशीन भी अक्सर खराब ही रहती है। महीने में लगभग 20 दिन मशीन खराब रहती है।
इधर एसबीआई के शाखा प्रबंधक गुलशन कुमार ने बताया खराब प्रिंटर को ठीक करवाने के लिए भिजवाया है तथा नए प्रिंटर के लिए भी आवेदन किया है जल्द ही समस्या दूर हो जाएगा। एटीएम ठीक कराने की प्रक्रिया चल रही है कुछ समस्याएं बैंक के स्टाफ की कमी के चलते बनी हुई है।