मोईन खान, ब्यूरो रिर्पोट
फतेहपुर। जुलाई से लापता हुए युवक की अपहरण के बाद हत्या का पुलिस ने खुलासा करते हुए मामले में 6 आरोपियों को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया है। पुलिस की माने तो काम दिलाने के नाम पर युवक को अपने साथ चित्रकूट लेकर गए थे, जहां से फोन के जरिए मृतक के परिजनों से बीस लाख की मांग की जब पैसा नहीं मिला तो उसे मौत के घाट उतार दिया है।
वेल्डिंग व्यापारी इरफान की हत्या का खुलासा करते हुए पुलिस ने बताया कि पूरे मामले का मास्टर माइंड धर्मेंद्र था जो मृतक इरफान के पिता के साथ पहले काम करता था, वहीं चित्रकूट में काम दिलाने की बात करके उसे अपने साथ लेकर गया था। पुलिस अब तक छह लोगों को पकड़ चुकी है। 21 जुलाई को इरफान का अपहरण हुआ था। दो दिन पहले ही उसकी हत्या की बात सामने आई थी। अपहरण, फिरौती व हत्या के मामले में पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार किया था। जबकि उनका एक साथी दीपक पुलिस की पकड़ से बाहर चल रहा था। दीपक भी वारदात में शामिल था और उसने ही इरफान का सिमकार्ड निकालकर उसे अपने फोन में लगाकर फिरौती के लिए फोन व मैसेज किए थे। गाजीपुर थाना क्षेत्र के औगासी घाट पर इरफान के शव की तलाश के लिए प्रयागराज से एसडीआरएफ की टीम स्टीमर व अन्य उपकरणों के साथ पहुंची और नदी में शव की खोजबीन की। शाम तक चली खोजबीन के बाद भी शव का पता नहीं चल सका। सूत्रों की माने तो खोजबीन के दौरान जाल में चप्पल व कपड़े फंसे हैं। जिसका सत्यापन किया जा रहा है। यमुना के तेज प्रवाह के कारण शव की तलाश में दिक्कतें आ रहीं हैं।
धर्मेंद्र सहित चार युवकों ने चित्रकूट के हनुमान धारा के पहाड़ पर जब इरफान की हत्या की और शव को लेकर लौटने लगे तो उसे पिछली सीट के नीचे रखा गया। निजी कार होने के कारण धर्मेंद्र ने यह तय कर लिया था कि किस रास्ते से होकर जाना और आना है, और कहां पर हत्या करनी है और कहां पर शव फेंकना है। हत्या के बाद लौटते समय धर्मेंद्र के एक साथी ने राजापुर पहुंचने पर कहा कि शव को महेवा घाट के पुल से नीचे फेंकने की बात कही लेकिन उसने शव को औगासी पुल के नीचे यमुना नदी में फेंक दिया था।