यु.सि., नई दिल्ली। पूर्वी दिल्ली नगर निगम के महापौर, निर्मल जैन ने पत्र जारी कर के सभी निगम पार्षदों को कहा है कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में गलत सील की गई संपत्तियों को डी-सील कराए।
महापौर जैन ने सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का हवाला देते हुए पर्षदों से कहा है कि जिन स्थानों पर व्यावसायिक गतिविधियां चल रही थीं वहां सीलिंग का अधिकार सर्वोच्च न्यायालय द्वारा गठित मॉनिटरिंग कमेटी का था। इसके अतिरिक्त जहां पर भी अवैध निर्माण व स्टिल्ट पार्किंग पर मॉनिटरिंग कमेटी द्वारा सीलिंग की गई वह मॉनिटरिंग कमेटी के अधिकार क्षेत्र में नहीं आती थी बल्कि वहां सीलिंग डीएमसी एक्ट के प्रावधानों के तहत ही होनी चाहिए थी। ऐसी संपत्तियां डीएमसी एक्ट के प्रावधानों के तहत ही डी-सील की जाएंगी।
महापौर ने सभी पार्षदों से कहा है कि वे ऐसी संपत्तियों को डी-सील कराने के लिए अपने-अपने क्षेत्र में पीड़ित जनता की मदद करें और उन्हें डी-सील की प्रक्रिया के बारे में जागरूक करें। आम लोगों से अपनी संपत्तियां डी-सील कराने के लिए निगम उपायुक्त को प्रार्थना पत्र देकर आवेदन कराएं। क्षेत्रीय उपायुक्त इसकी जांच एवं जरूरी औपचारिकता पूरी कराकर डी-सील के आदेश जारी करेंगे। महापौर ने कहा कि पूर्वी दिल्ली नगर निगम जनता के साथ सुख-दुख में भागीदार है और गलत सील की गई संपत्तियों को सील कराने में भी पार्षद मदद करेंगे।