राजेश कुमार,
देशवासियों को उस समय सबसे अधिक लगा, जब उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा है, ‘‘घबराने की जरूरत नहीं है, उचित सावधानी बरतते रहें, हम सभी साथ मिलकर कोविड-19 महामारी को निश्चित रूप से हराएंगे’’ पीएम मोदी का यह संदेश उस समय और अधिक अहम हो गया, जब देश में कोरोना संक्रमित लोगों का आंकड़ा 14 हजार से ऊपर जाकर लगातार बढ़त की ओर था, इस समय तक कोरोना की वजह से 400 से भी ज्यादा लोगों की जान जा चुकी थी। कोरोना से लड़ने वाली सेना डाॅक्टर, स्वास्थ्यकर्मी, सफाईकर्मी, पुलिसकर्मी भी संक्रमित हो रहे हैं। देशवासी निराश से हो चले हैं, सभी के मन में अनजाना सा भय है, लगभग सब सोच रहे हैं कि कल न जाने क्या होगा? मोदी के कथित संदेश से लोगों में जीने की उर्जा का संचार तो हुआ है। चीन से निकले मौत के वायरस ने पूरी दुनिया में आतंक फैला रखा है, लाखों लोग वायरस की वजह से अस्पतालों में भर्ती हैं, बड़ी संख्या में लोगों को जान भी गंवानी पड़ी है। कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए ही भारत में देशव्यापी लाॅकडाउन लागू किया गया था, जिसे अब 3 मई तक के लिए बढ़ा दिया गया जोकि खत्म होने को है। देशवासियों के भीतर के डर को दूर करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी तरह-तरह के कदम उठा रहे हैं, उसमं एक है भारतीय कंपनियों के जबरन अधिग्रहण के खतरे को भांपते हुए, केंद्र सरकार द्वारा विदेशी निवेश नियमों को सख़्त कर देना। जिसके तुरंत बाद चीन की ओर से बौख़लाहट देखने को मिली और साफ हो गया कि मोदी सरकार का तीर बिल्कुल निशाने पर लगा है। अगर आसान शब्दों में कहें तो कोरोना वायरस की वजह से कई बड़ी और छोटी कंपनियों की मार्केट वैल्यू गिर गई है। ऐसे में इनका अधिग्रहण यानी ओपन मार्केट से शेयर खरीद कर मैनेजमेंट कंट्रोल हासिल किया जा सकता है। हाल ही में चीन के सेंट्रल बैंक, पीपल्स बैंक ऑफ़ चाइना ने भारत की सबसे बड़ी हाउसिंग फाइनेंस कंपनी ‘हाउसिंग डेवलपमेंट फाइनेंस काॅरपोरेशन लिमिटेड’ में 1.01 फीसदी हिस्सेदारी खरीदी है। जिससे चीनी सरकार की मंशा शक के घेरे में है, जब शक हो ही गया है तो क्यों न इसके सारे रास्ते (अधिग्रहण) बंद कर दिए जाएं, वही भारत सरकार ने किया। जोकि भविष्य में मील का पत्थर साबित होगा।
गौरतलब रहे कि कोरोना वायरस महासंकट से जूझ रही अर्थव्यवस्था में जान फूंकने के लिए रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया की ओर से बड़े ऐलान किए गए। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने रिवर्स रेपो रेट में 0.25 फीसदी की कटौती का ऐलान किया, इसी के साथ बाजार में नकदी संकट ना आए, इसके लिए भी 50 हजार करोड़ रुपये की अतिरिक्त इंतजाम की बात कही। आरबीआई की ओर से रिवर्स रेपो रेट में कमी करने से सीधी मदद आम लोगों को पहुंच सकती है, इस ऐलान से बैंकों के पास ज्यादा पैसा उपलब्ध होगा, ऐसे में बैंक आम आदमी को कर्ज दे सकेंगे, ऐसे में इस ऐलान के बाद बैंकों पर कर्ज पर ब्याज दर कम करने का दबाव भी होगा। उन्होंने कहा कि संकट के बीच बैंक सभी हालात पर नजर रखे हुए है, कदम-कदम पर फैसले लिए जा रहे हैं, कोरोना संकट की वजह से जीडीपी की रफ्तार घटेगी, लेकिन बाद में यह फिर तेज रफ्तार से दौड़ेगी। रिजर्व बैंक की ओर से बड़ी राहत देते हुए रिवर्स रेपो रेट में 0.25 फीसदी की कटौती की गई है, इसी के साथ अब ये 3.75 फीसदी हो गई है, बैंक की ओर से लगातार इस तरह के ऐलान किए जाएंगे, जो उस समय के हालात के आधार पर होंगे। नकदी संकट को दूर करने के लिए बैंक की तरफ से बाजार में 50 हजार करोड़ रुपये का इंतजाम किया जाएगा, ताकि नकदी में किसी तरह की कमी ना आए। गवर्नर की ओर से कहा गया कि बैंकों की ओर से कर्ज मिलने में आम आदमी को कोई दिक्कत नहीं आएगी। इसके अलावा बैंक की ओर से नाबार्ड, एनएचबी, एनबीएफसी समेत अन्य क्षेत्रों में भी 50 हजार करोड़ की अतिरिक्त मदद दी जाएगी, ताकि नीचे तक मदद पहुंच सके। जोकि कहीं-न-कहीं देश की मंद पड़ती अर्थव्यवस्था को नई रफ्तार देने की युक्ति तो है।
गौरतलब है कि लाॅकडाउन 2.0 के बीच 20 अप्रैल से कुछ जरुरी क्षेत्रों को कामकाज करने की छूट मिली है। ई-काॅमर्स कंपनियां भी अपना काम शुरु कर सकती हैं। लेकिन इनके लिए नया नियम जारी किया गया है, सरकार ने ई-काॅमर्स कंपनियों द्वारा अपने प्लेटफाॅर्म से गैर-जरूरी वस्तुओं की बिक्री पर रोक लगा दी है। वज़ह, कांग्रेस पार्टी ने करीब 7 करोड़ दुकानदारों और व्यापारियों के साथ अन्याय के विषय को उठाया था, जिन्होंने लाॅकडाउन के दौरान अपने दुकान और कारोबार बंद किये हुए हैं, जबकि सरकार ने ई-काॅमर्स कंपनियों को उत्पाद बेचने की अनुमति दी थी। कांग्रेस ने मांग स्वीकार करने के लिए प्रधानमंत्री का
धन्यवाद भी किया। वास्तु स्थिति में देखा जाए तो जब देश के व्यापारियों का भारी नुकसान हो रहा है तो विदेशी ऑनलाइन कंपनियां को फायदा क्यों पहंचाया जाए? इसी बीच नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस की महामारी के खिलाफ एकजुटता दिखाने की अपील भी की! पीएमओ की ओर से किए गए ट्वीट में कहा गया ‘‘कोरोना नस्ल, धर्म, रंग, जाति नहीं देखता’’ कोरोना संप्रदाय, भाषा और सीमाएं भी नहीं देखता है, इसलिए एकता और भाईचारा बनाए रखने की जरूरत है। साथ ही दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने लाॅकडाउन 2.0 में किसी तरह की छूट देने से इन्कार करते हुए मौजूदा हालात को चिंताजनक बताया। इसके अलावा दिल्ली के नरेला स्थित क्वारनटीन सेंटर को अब सेना के हवाले कर दिया गया है, यहां तबलीगी जमात के 932 लोग हैं। प्रधानमंत्री किसे और क्या कहना चाहते हैं, इशारा साफ है। वैसे भी कथित मौत की महामारी के चलते देशवासियों की सुरक्षा से कोई खिलवाड़ कैसे किया जा सकता है? एक ओर दिल्ली, महाराष्ट्र, राजस्थान, मध्य प्रदेश कोरोना का कहर झेल रहे हैं। दूसरी ओर, गोवा से बहुत ही उम्मीद जगाने वाली खबर आई। गोवा देश का पहला ऐसा राज्य बन गया है, जहां कोरोना का अब एक भी संक्रमित मरीज नहीं हैं, यहां कोरोना वायरस के सभी मरीज ठीक हो चुके हैं। राज्य में कोरोना के कुल सात मामले आए थे, जिनमें से छह पहले ही ठीक हो गए थे। आखिरी मरीज की कोरोना रिपोर्ट रविवार को निगेटिव आ गई, जिसके बाद उसे भी अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री विश्वजीत राणे ने बताया कि संक्रमण के सात मामलों में से अंतिम मामले 3 अप्रैल को सामने आए थे और उपचार के बाद सभी मरीजों के नमूनों की जांच नकारात्मक आने के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। वर्तमान में जब राज्य में कोई भी व्यक्ति संक्रमित नहीं है तो हमें लाॅकडाउन का महत्व समझना होगा, सामाजिक दूरी बनाए रखनी होगी, अधिक जांच करनी होगी और केंद्र और राज्य सरकारों के नियम का पालन करना होगा। बात सही है सारी-की-सारी जिम्मेदारी केन्द्र सरकार और राज्य सरकारों की नहीं है, भारतीय नागरिकों की भी है, जो जागरूक बनकर जिम्मेदारी निभाएंगे तभी तो देश कोरोना मुक्त हो सकेगा। 16 जिले ऐसे हैं जहां पिछले 28 दिनों में कोई मामला सामने नहीं आया है, कुल 85 ऐसे जिले हैं जहां पिछले 14 दिनों में कोई पाॅजिटिव मामला सामने नहीं आया, कल यह संपूर्ण भारत में होगा।