नई दिल्ली। सरकारी स्कूलों के 10वीं के परिणाम पर दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय माकन ने दिल्ली की सरकारी स्कूलों पर बोलते हुए कहा कि आप पार्टी की दिल्ली सरकार के शिक्षा के स्तर में सुधार के बड़े-बड़े दावों की इस साल के दसवीं के परिणामों ने पोल खोल दी है। माकन ने कहा कि इस वर्ष 2018 का दिल्ली के सरकारी स्कूलों का दसवी का परिणाम पिछले 10 वर्षों के परिणामों में सबसे कम केवल 78.62 प्रतिशत रहा है।
जबकि राष्ट्रीय स्तर पर 10वीं कक्षा के परिणाम का औसत 86.70 प्रतिशत रहा है। माकन ने कहा आप पार्टी की दिल्ली सरकार के शिक्षा सुधार में किए गए बड़े-बड़े दावों की पोल इस बात से खुल जाती है कि दिल्ली के सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों के परिणाम का औसत राष्ट्रीय स्तर के औसत से 8.08प्रतिशत कम रहा है। उन्होंने कहा कि जहां थिरुवंनतपुरम में सबसे ज्यादा 99.60 प्रतिशत 10वीं के विघार्थी पास हुए, चैन्नई में 97.37 प्रतिशत और अजमेर में 91.86 प्रतिशत विद्याथी पास हुए। यह बड़े दुख की विषय है कि जब से दिल्ली में आप पार्टी की दिल्ली सरकार सत्ता में आई है दिल्ली के सरकारी स्कूलों के 10वी और 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों के परिणाम में लगातार गिरावट हो रही है।
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माकन ने कहा कि वर्ष 2014 में दिल्ली के सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों के परिणामों का प्रतिशत 99.81ः आश्चर्यजनक और चैकाने वाले थे। वर्ष 2011 से 2014 तक सरकारी स्कूलों में 10वी के विद्यार्थियों के परिणाम 99 प्रतिशत से अधिक रहे थे। उन्होंने कहा कि जब से आम आदमी पार्टी ने दिल्ली की सत्ता संभाली है, सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों के परिणामों में तेजी से गिरावट आई है। श्री माकन ने कहा कि 2014 में 10वीं का परिणाम 99.81 प्रतिशत था जो गिरकर 2015 में 85.81 प्रतिशत रहा, 2016 में 89.25 प्रतिशत, 2017 में92.44 प्रतिशत और इस वर्ष 2018 में सबसे कम 78.62 प्रतिशत ही रह गया।
माकन ने कहा कि एक विश्लेषण कक्षा 12वीं में पास होने वाले विद्यार्थियों की संख्या में लगातार गिरावट को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2013-14 में दिल्ली के सरकारी स्कूलों के 1.47 लाख विद्यार्थी पास हुए थे, 2015 में घटकर 1.24 लाख विद्यार्थी पास हुए, 2016 में कम होकर 1.17 लाख विद्याथी पास हुए और वर्ष 2017 में सिर्फ 1.09 लाख विद्याथी ही कक्षा 12वीं के सीबीएसई की परीक्षा पास कर सके।