नई दिल्ली। केंद्र सरकार की आम बजट 2021-22 की सरहाना करते हुए भारतीय जनता पार्टी (बीजपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा कहा कि यह डिजिटल इंडिया का डिजिटल बजट है, देश के नागरिकों के लिए ईज ऑफ लिविंग को बढ़ाने पर जोर देने वाला बजट है।
उन्होंने कहा, यह बजट असाधारण परिस्थितियों में पेश किया गया है जब देश कोरोना संक्रमण के दौर से निकल कर हर क्षेत्र में विकास की नई कहानी लिखने के लिए तैयार है। इसमें यथार्थ का एहसास भी है और विकास का विश्वास भी है। यह सभी वर्गों खास कर युवाओं, बुजुर्गों, महिलाओं संगठित एवं असंगठित क्षेत्र के मजदूरों और छोटे-बड़े उद्यमियों की आशाओं व आकांक्षाओं को पूरा करने वाला बजट है।
एमएसएमई सेक्टर को मजबूती प्रदान की गई है श्री नड्डा ने कहा कि बजट में इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट पर विशेष फोकस किया गया है।
स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार को आगे बढ़ाया गया है।
इंश्योरेंस सेक्टर में एफडीआई की नीति में बदलाव लाया गया है। एमएसएमई सेक्टर को मजबूती प्रदान की गई है। 7 मेगा टेक्सटाइल पार्क बनाने की घोषणा की गई है और शिक्षा एवं रिसर्च पर विशेष ध्यान दिया गया है जो देश में रोजगार सृजन में बहुत बड़ी भूमिका निभाएगा।
स्वास्थ्य क्षेत्र के बजट को 137 फीसदी तक बढ़ाया है
पिछली बार के 92 हजार करोड़ रुपये के मुकाबले इस बार स्वास्थ्य का बजट 2 लाख 23 हजार करोड़ रुपए किया गया है। 64,180 करोड़ रुपये ‘आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना’ के लिए दिए गए हैं।
कोरोना वैक्सीन के लिए 35,000 करोड़
कोरोना वैक्सीन कोरोना वैक्सीन पर 35,000 करोड़ खर्च किए जाने का प्रावधान दिया गया है।
किसानों के कल्याण एवं उनकी आय को दुगुना करने के लिए फसलों पर एमएसपी बढ़ाकर इसे उत्पादन लागत का डेढ़ गुना किया गया है।
आजादी की 75वीं सालगिरह पर 75 साल और उससे ज्यादा उम्र के हमारे सीनियर सिटीजंस को आईटी रिटर्न से राहत देना और पेंशन से आय पर इनकम टैक्स से छूट।
होम लोन पर ब्याज में 1.5 लाख रुपए की कटौती के प्रावधान को 31 मार्च 2022 तक बढ़ाना लोगों के अपने घर के सपने को साकार करने में सहायक सिद्ध होगा। 1938 से चले आ रहे इंश्योरेंस एक्ट 1938 में बदलाव एक सकारात्मक कदम है। साथ ही, सरकारी बैंकों में 20,000 करोड़ का निवेश बैंकिंग सेक्टर को और मजबूती प्रदान करेगा।
अब तक केंद्रीय करों में राज्यों को केवल 30 से 35ः हिस्सा ही मिल पाता था लेकिन 15वें वित्त आयोग की सिफारिश माने जाने के बाद अब राज्यों को केंद्रीय करों का 41 फीसदी हिस्सा मिल सकेगा।
पिछले बजट में कैपिटल एक्सपेंडीचर के लिए 4.21 लाख करोड़ रुपये दिए गए थे जबकि इस वर्ष 5.54 लाख करोड़ रुपए खर्च किये जाने का प्रावधान किया गया है जो कि पिछले बजट से 34 फीसदी अधिक है।
स्वच्छ जल के लिए देश भर में अगेल पांच वर्षों में 2.87 लाख करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।
शिक्षा के क्षेत्र में 100 से ज्यादा सैनिक स्कूलों और हाईयर एजुकेशन काउंसिल (भ्म्ब्प्) का गठन तथा 15,000 स्कूलों को आदर्श स्कूल बनाए जाने का प्रस्ताव। रिसर्च के लिए भी 50,000 करोड़ रुपये अलग से रखे गए हैं। आदिवासी इलाकों में 38,000 करोड़ रुपये की लागत से 750 एकलव्य स्कूल खोले जाने का प्रयास भी किया गया है।
उज्ज्वला योजना का फायदा एक करोड़ और महिलाओं तक पहुंचाने का एलान और वर्किंग वुमन के लिए सभी शिफ्ट में काम करने की इजाजत महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक मजबूत कदम साबित होगा। जम्मू कश्मीर में भी गैस पाइपलाइन योजना की शुरुआत की जा रही है। महिला टी-वर्कर्स एवं उनके बच्चों के लिए 1,000 करोड़ रुपये दिए जाने का प्रावधान महिला टी-वर्कर्स को सशक्त बनाएगा।
असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के लिए केंद्र सरकार ने कई योजनायें शुरू की हैं। प्रवासी मजदूरों के लिए देशभर में ‘एक देश-एक राशन योजना’ से इससे उनके जीवन में बहुत बड़ा परिवर्तन आयेगा।
एमएसएमई के लिए 15,700 करोड़ रुपये का बजट कोरोना संक्रमण के समय छोटे लघु, सूक्ष्म एवं मध्यम उद्योगों को और मजबूत करेगा। छोटी कंपनियों की परिभाषा बदल कर इसके लिए पूंजीगत आधार को 50 लाख रुपये से बढ़ाकर 2 करोड़ रुपये किये जाने का प्रावधान हैं।
केन्द्र सरकार ने ग्रामीण क्षेत्र में इन्फ्रा सेक्टर के विकास के लिए आवंटन को बढ़ाकर 40,000 करोड़ रुपये कर दिया है। रेलवे के लिए 1.10 लाख करोड़ रुपए जबकि सडक परिवहन मंत्रालय के लिए 1,18,101 करोड़ का प्रावधान किया गया है। ये देश में इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट को नई मजबूती प्रदान करेंगे। लगभग तीन लाख करोड़ रुपये से अधिक के लागत से ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर बनाए जाने का प्रावधान किया गया है।