मदिरा सेवन और नशा जैसी बुरी आदतें विकास और खुशहाली में बड़ी बाधकः सीएम

रांची। गुमला जिला के आउटडोर स्टेडियम विधिक सेवा सह सशक्तिकरण शिविर में लाभुकों को संबोधित करते हुए राज्य के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि लोक कल्याणकारी राज्य का सबसे बड़ा ध्येय है समाज के अंतिम व्यक्ति तक विकास पहुंचाना। यह सबसे बड़ी विशिष्टता है कि आज शासन प्रशासन के साथ न्यायपालिका भी एक साथ मिलकर साझा प्रयास कर रहे हैं। झारखंड राज्य में रांची और जमशेदपुर के बाद गुमला में यह तीसरा मौका है जब न्यायपालिका और प्रशासन द्वारा एक साथ शिविर लगाकर लाभुकों के बीच परिसंपत्तियों का वितरण किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा एक लाख से अधिक लाभुकों के बीच एक अरब 86 लाख रुपये की परिसंपत्तियों का वितरण एक बड़ी उपलब्धि है और इसका श्रेय जिला प्रशासन के साथ-साथ झारखंड उच्च न्यायालय के प्रभारी मुख्य न्यायधीश जस्टिस डी एन पटेल और उनकी टीम को जाता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अशिक्षा, मदिरा सेवन जैसी बुरी आदत तथा कर्ज का कुचक्र गरीबी का मुख्य कारण है। गुमला जिले में महिला साक्षरता बहुत कम है। उन्होंने महिलाओं से अपील की साक्षरता के कार्यक्रम में भाग ले। बालिका शिक्षा हम सब की सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। तभी हम गरीबी दूर कर सकेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि मदिरा सेवन और नशा जैसी बुरी आदतें विकास और खुशहाली में बड़ी बाधक हैं। कर्ज के कुचक्र से भी गरीबी बढ़ती है हमारी प्राथमिकता रही है कि महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने हेतु उन्हें सखी मंडल के माध्यम से ऋण लेने और उसे अदा करने की प्रक्रिया से भी अवगत कराया जा रहा है। सामूहिक उत्तरदायित्व से कार्य करने पर महिलाओं का आत्मविश्वास भी बढ़ेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज केवल गुमला जिला में इसी शिविर के माध्यम से सखी मंडलों को 500 करोड़ का लिंकेज दिया गया है। आने वाले समय में झारखण्ड की विश्वसनीय ऋण व्यवस्था और सामूहिक उत्तरदायित्व की भावना से विकास की नई तस्वीर देखने को मिलेगी।

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