नई दिल्ली। देशभर से आए डॉक्टरों ने राजधानी दिल्ली के इंदिरा गांधी स्टेडियम में महापंचायत का फैसला किया। 25 हजार से अधिक डॉक्टरों ने राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) विधेयक में बदलाव के लिए संसदीय स्थायी समिति की सिफारिशों का विरोध करते हुए इस आंदोलन का आह्वान आईएमए तथा अन्य संगठनों के साथ किया। आईएमए ने पीएससी रिपोर्ट को खारिज किया। जल्द से जल्द कारवाई की मांग को लेकर सभी चिकित्सिक एवं मेडिकल छात्र दो अप्रैल से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठेंगे।
आईएमए के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. रवि वानखेडकर ने कहा, सच तो यह है कि प्रस्तावित सिफारिश असल समस्या का समाधान करने के बजाय सिर्फ मुसीबत खड़ी करेगी। इसमें किए गए बदलाव कृत्रिम किस्म के हैं। स्वायत्त संस्था को भंग करना और नए आयोग का गठन करना चिकित्सा पेशे के कल्याण के विरुद्ध होगा। होमियोपैथी और आयुष को अपने शुद्ध रूप में रखते हुए प्रैक्टिस करने और आधुनिक चिकित्सा पद्धति में इसका घालमेल नहीं करने से ही जनता का स्वास्थ्य बेहतर रखा जा सकता है। लेकिन पीएससी की रिपोर्ट इस लिहाज से छलावापूर्ण है जिसमें नीमहकीमों को कानूनी मान्यता दिलाने के लिए मिश्रित चिकित्सा में पिछले दरवाजे से प्रवेश दिलाने का प्रावधान है। काॅस्मेटिक संशोधनों के बावजूद असली समस्याएं जस की तस बनी हुई हैं। सभी राज्यों से आये डॉक्टर्स और प्रतिनिधियो ने अपने मुद्दों को महापंचायत के सामने रखा