लखनऊ। ‘विश्व क्षय रोग दिवस’ पर आयोजित गोष्ठी ‘यूपीटेटीबी, टीबी हारेगा-यूपी जीतेगा’ कार्यक्रम के मौके पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के लक्ष्य से पांच वर्ष पूर्व, वर्ष 2025 तक देश से टीबी के उन्मूलन के प्रधानमंत्री के संकल्प की सिद्धि इस रोग के उपचार के सम्बन्ध में जन-जागरूकता और जन सहभागिता से ही सम्भव है। देश का सबसे बड़ा राज्य होने के कारण इस संकल्प की सिद्धि में उत्तर प्रदेश की जिम्मेदारी सर्वाधिक है। टीबी के उन्मूलन के लिए समाज के अंतिम पायदान के व्यक्ति तक शासन की सम्बन्धित योजनाओं को मिशन मोड में काम करके पहुंचाए जाने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि पल्स पोलियो अभियान के माध्यम से देश ने पोलियो उन्मूलन में सफलता प्राप्त की है। सबकी भागीदारी सुनिश्चित कर वैसी ही सफलता टीबी उन्मूलन में भी प्राप्त की जा सकती है। दुनिया में 01 करोड़ से अधिक टीबी रोगी हैं। इनमें से लगभग 27 प्रतिशत भारतवर्ष में हैं। उत्तर प्रदेश में भी टीबी रोगियों की संख्या काफी है। देश का सबसे बड़ा प्रदेश होने के कारण देश-प्रदेश से टीबी उन्मूलन में उत्तर प्रदेश की जिम्मेदारी भी बड़ी है।
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इस अवसर पर केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में देश से टीबी रोग के उन्मूलन के लिए विशिष्ट और प्रभावी कदम उठाए जा रहे हैं। देश भर में 1100 से अधिक सीबीनेट मशीनों की स्थापना करायी गयी है। स्थानीय जरूरतों के दृष्टिगत नेशनल स्टैटजिक प्लान बनाया गया है। निजी चिकित्सकों से इलाज करा रहे टीबी मरीजों को चिन्हित करने के लिए ‘निश्चय पोर्टल’ लाॅन्च किया गया है। टीबी मरीजों के लिए निःशुल्क दवा तथ न्यूट्रीशन के लिए धनराशि की व्यवस्था भी की गई है।
अपने सम्बोधन में केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने कहा कि टीबी रोग आज भी दुनिया के लिए एक चुनौती बना हुआ है। देश में दुनिया के एक चैथाई टीबी रोगी हैं। देश में प्रत्येक वर्ष लगभग सवा चार लाख लोगों की मृत्यु टीबी से होती है। टीबी रोग के उन्मूलन के लिए जन सहयोग और सबकी भागीदारी आवश्यक है। केन्द्र सरकार ने टीबी उन्मूलन के लिए अनेक कदम उठाए हैं।