न्यूज़ डेस्क,
नई दिल्ली। दिल्ली सरकार द्वारा प्रस्तुत बजट को दिल्ली राजनीतिक पार्टीया सिर्फ बाजीगरी और जादूगरी का खेल बता रही है। प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने कहा है कि दिल्ली सरकार द्वारा दिया गया बजट-2018 लगातार चैथे वर्ष आंकड़ों की बाजीगरी का खेल हैं, एक बार पुनः सरकार ने बिना संवैधानिक स्वीकृति लिए योजनाओं की घोषणायें की हैं जिनके चलते दिल्ली की जनता के हिस्से में केवल निराशा ही हाथ आयेगी। यह बजट प्रदूषण कम करे से लेकर राशन वितरण के लिए निजी कम्पनियों से सांठगांठ का बजट है। ऐसा लगता है कि केजरीवाल सरकार अब निजी कम्पनियों से किक बैक का खेल खेलने की तैयारी में है। सरकार ने बजट को ग्रीन बजट कहने का प्रयास किया है पर इस किक बैक के खेल को देख कर लगता है कि यह रेड बजट है।
यह भी पढ़ें: दिल्ली सरकार का ग्रीन बजट खोखला और कागजी, सरकार तीन वर्षों में प्रदूषण रोकने में असफल रही
तिवारी ने कहा है कि अपने बजट में एक बार फिर सरकार ने शिक्षा एवं स्वास्थ्य पर बड़े-बड़े दावे किये हैं पर छोटे-छोटे सवालों के उत्तर देने में यह सरकार विफल है कि यदि शिक्षा में इतना सुधार हो रहा है जितना सरकार बजट में दावे कर रही है तो दिल्ली सरकार के स्कूलों में लगातार छात्रों की संख्या क्यों घट रही है? इसी तरह सरकार ने स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत 1000 मोहल्ला क्लीनिक खोलने के सरकारी दावों की पोल वित्त मंत्री ने यह स्वीकार कर स्वयं खोल दी कि आज तीन साल बाद भी सरकार ने दिल्ली में केवल 164 मोहल्ला क्लीनिक खोले हैं। यह बजट अनधिकृत कालोनियों के लोगों के लिए एक छलावा है। सरकार ने वहां विकास के लिए मात्र 1500 करोड़ रूपये का बजट दर्शाया है पर कालोनियों के नियमितिकरण के नाम पर सरकार चुप्पी साधे बैठी है।
यह भी पढ़ें: आयूष मंत्रालय, अभिनेता रज़ा मुराद ने डाॅ जयदेव योगेन्द्र के योग जीवन को दी श्रृद्धांजली