नई दिल्ली। बिजली कटौती को लेकर केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने मंगलवार को गहलोत सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि राज्य की कांग्रेस सरकार के कुप्रबंधन के कारण प्रदेश में अघोषित बिजली कटौती का संकट खड़ा हो गया है। प्रदेश की लापरवाह सरकार के कुप्रबंधन के कारण आज प्रदेश विद्युत संकट से जूझ रहा है। प्रदेश की जनता आज बिजली की कटौती से परेशान है और इसके जिम्मेदार एसी कमरों में बैठकर जनता के दर्द को तमाशे के रूप में देखने वाली राज्य सरकार है।
श्री चौधरी ने कहा कि मुख्यमंत्री अगर हमारे कार्यालय और आवास पर चंद मिनट के लिए भी बिजली चली जाए तो हम कितना जतन करते है। सोचिए 50 डिग्री सेल्सियस तापमान वाले क्षेत्रों में रहने वाले हमारे प्रदेशवासी किस तरह बिना विद्युत के अपनी दिनचर्या काटने को मजबूर होंगे। कैलाश चौधरी ने कहा कि अपने ऐशो आराम और लंबे समय से चल रहे है ’वर्क फ्रॉम होम’ से तनिक समय निकाल कर एक आम आदमी के जीवन को भी करीब से देखने की कोशिश कीजियेगा साहब, नहीं तो आधे घंटे के लिए अपना एसी ही बंद कर दीजिएगा। हो सकता है शायद आपको अपनी जिम्मेदारियों का अहसास हो जाएगा।
केंद्रीय मंत्री चौधरी ने कहा कि अपनी जिम्मेदारी से भाग रही है प्रदेश की कांग्रेस सरकार, संवेदनहीनता की पराकाष्ठा तो तब पार होती है जब थर्मल प्लांट बंद होने के बाद सरकार को कोयले की कमी के बारे में पता चलता है। उन्होंने कहा, चाहे कोरोना संक्रमण की परिस्थितियों के समय प्रबंधन का मामला हो या प्रदेश के सामने अन्य किसी चुनौती का, यह सरकार हमेशा हाथ खड़े करके जिम्मेदारियों से भागने का काम करती आई है। सरकार के जिम्मेदार अपने बयानों के माध्यम से प्रदेश की जनता को भयभीत करने में कोई कसर नहीं छोड़ते। उन्होंने कहा कि अपने कर्तव्य को समझिए साहब, अपनी कुर्सी पर लटकती तलवार के संकट के दर्द के बजाए जनता के दर्द को भी समझिए।