प्रमोद गोस्वामी, पत्रकार व राजनीतिक विश्लेषक
नई दिल्ली। चीन द्वारा शुरू किया गया कोरोना वायरस आज समूची दुनिया को अपने चपेट में ले रखा है। दिसम्बर 2019 को चीन के बुहान शहर में जन्मा कोरोना वायरस से भारत ही नही बल्कि अमेरिका जैसा शक्तिशाली देश की भी स्वाथ्य व्यवस्था से लेकर अर्थव्यवस्था बुरी तरह चरमरा गई है।
आज हम ऐसी कई फिल्मों के बारे में बात करने जा रहे है जिसमें आज की स्थिति वायरस जैसी घातक बीमारी के बारे में बताया गया है और यही नही फिल्म में यह भी दर्शाया गया है कि किस तरह से वायरस एक दुसरे में फैलता है और इस तरह की ज्यादातर फिल्में चाइना में ही फिल्माए जाते है जैसे की ‘ ट्रेन टू बुसान’ जिसमें दिखाया गया है कि किस तरह से एक व्यक्ति से दुसरे व्यक्ति संक्रमित होता है।
2011 में आई साउथ इंडियन फिल्म ‘चैन्नई टू चाइना’ जिसमें कोरोना वायरस जैसी बीमारी के बारे में न केवल बताया गया है बल्कि चीन से आया व्यक्ति वायरस को एक कुत्ते में इंजैक्ट कर किस तरह लाखों लोगों को संक्रमित करता है, इसे फिल्म में बखूबी दर्शाया गया है। तकरिबन 9 वर्ष पहले दिखाई गई फिल्म की कहानी आज सत्य हो रही है। सूर्या, श्रुति हसन व जाॅनी की इस फिल्म में दिखाया गया है कि चीन बायो वार के तहद भारत को शमशान में तब्दील करने की साजिश करता है। फिल्म में दिखए गए वायरस के सभी लक्षण आज की कोविड19 से मिल रहा है। 9 वर्ष पहले आई इस फिल्म और आज की परिस्थिति में एक बात बिलकुल अलग है.. फिल्म में कुत्तों को भी संक्रमित दिखाया गया है जबकि आज केवल इंसानों में ही वायरस पाया जा रहा है।
गौरतबल है कि पूरा विश्व कह रहा है कि कोरोना वायरस के पीछे चीन का हाथ है, आज जब कई देशों की अर्थव्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हो चुकी है वही चीन तालाबंदी से मुक्त हो गया है। खैर…। क्या इसे एक इत्तेफाक कहेंगे? महज डेढ़ साल पहले आई बीमारी से समूचा विश्व ग्रस्त है, सरकारें इस वायरस पर काबू नही पा रहें है! जबकि एक फिल्ममेकर 9 वर्ष पहले ही ऐसे वायरस को लेकर दुनिया को अगाह कर चुका है। क्या चीन का यह बायो वार है? जिसे चीन बिना गोला-बारूद ही दुनिया पर फतह पाना चाहता है! अगर ऐसा है तो दुनिया को अगाह हो जाना चाहिए और चीन की इस बायो वार का जवाब विश्व को जरूर देना चाहिए!