यु.सि., नई दिल्ली। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने सीजन-2020 के दौरान खरीफ फसल की बुवाई को लेकर कहा कि किसानों की उन्नति ही सरकार का लक्ष्य है। इसके लिए तमाम योजनाएं और कार्यक्रम लागू किए गए हैं। कृषि क्षेत्र के विकास के लिए सरकार कोई कसर बाकी नहीं रखेगी।
उन्होंने कहा कि वर्तमान खरीफ मौसम 2020 में रिकॉर्ड 1082.22 लाख हेक्टेयर (28 अगस्त 2020 तक) क्षेत्र को कवर किया गया है जो 2019 की तुलना में 13 लाख हेक्टेयर अधिक है। खरीफ 2019 के दौरान कुल कवरेज 1069.5 लाख हेक्टेयर था, जबकि पिछला रिकॉर्ड कवरेज खरीफ 2016 के दौरान 1075.71 लाख हेक्टेयर था। चावल की बुवाई कुछ राज्यों में अभी भी जारी है, जबकि दलहन, मोटे अनाज, बाजरा और तिलहन की बुवाई खत्म हो गई है।
श्री चौधरी ने कहा कि हम आश्वस्त हैं कि 2020-21 के दौरान कुल खाद्यान्न उत्पादन का आंकड़ा 298.32 मिलियन टन पार कर जाएगा। इसमें खरीफ मौसम से प्राप्त किया जाने वाला 149.92 मिलियन टन है। मोटे तौर पर खरीफ सीजन की फसल बारिश आधारित होती है व इस वर्ष अच्छे मानसून तथा किसानों की मेहनत से यह प्रगति मिली है।
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उन्होंने बताया कि खरीफ फसलों के कवरेज की प्रगति पर कोविड-19 का प्रभाव नहीं पड़ा। हमारे देश की अर्थव्यवस्था कृषि पर आधारित है। भारत सरकार द्वारा आवश्यक छूट दिए जाने के कारण कृषि मंत्रालय ने कोरोना महामारी के चलते लॉकडाउन के दौरान भी बीज, कीटनाशक, उर्वरकों, मशीनरी, ऋण जैसे आदानों की समय पर व्यवस्था कराई। इससे फसल कटाई अच्छी तरह हुई, ग्रीष्मकालीन बुवाई पिछली बार से लगभग 40 प्रतिशत ज्यादा हुई और खरीफ की भी सर्वाधिक बुवाई हुई है। किसानों द्वारा समय पर कार्यवाही करने,प्रौद्योगिकियों को अपनाने व सरकारी स्कीमों का लाभ लेने से श्रेय किसानों को जाता है तथा कृषि वैज्ञानिकों का योगदान भी इसमें रहा है।