(यु.सि.) नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी दिल्ली प्रदेश ने दिल्ली सरकार पर गंभीर आरोप लगाया है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने सोमवार को कहा कि केजरीवाल सरकार सब्सिडी व फिक्स चार्ज के नाम पर बिजली कंपनियों के साथ मिलकर 1131 करोड़ का घोटाला किया है।
उन्होंने कहा कि पानी माफ, बिजली बिल हाफ के दावे के साथ सत्ता हासिल करने वाली आम आदमी पार्टी के दावों की पोल एक बार फिर खुल गई है, जिससे साबित हो गया है कि केजरीवाल सरकार सिर्फ घोटालेबाज सरकार है। दिल्ली के लोग केजरीवाल सरकार से बिजली बिलों में राहत की गुहार लगा रहे हैं वहीं केजरीवाल सरकार बिजली कंपनियों व डीईआरसी के साथ मिलकर घोटाले को अंजाम देने में लगी हुई है।
श्री गुप्ता ने बताया कि दिल्ली की आरडब्ल्यूए से मिले बिलों के डाटा और नागरिकों से मिली शिकायतों से पता लगा है कि लॉकडाउन के दौरान जब बिजली कंपनियां मीटर रीडिंग नहीं ले पा रही थीं तो उपभोक्ताओं को लगभग 94 दिनों को बिजली बिल भेजा है, इन बिजली बिलों में प्रतिमाह के अनुसार खपत भी दिखाई गई है, लेकिन जिस महीने में खपत 200 व 400 यूनिट से भी कम है वहां भी उपभोक्ता को सब्सिडी उपलब्ध नहीं कराई गई। उन्होंने बताया कि बजट 2020-21 में दिल्ली सरकार ने 12 महीने के लिए 2820 करोड़ रुपए सब्सिडी का प्रावधान किया है, लेकिन लॉकडाउन में उपभोक्ताओं को सब्सिडी न देकर केजरीवाल सरकार ने बिजली कंपनियों और डीईआरसी के साथ मिलकर 726 करोड़ रुपए का घोटाला किया है।
श्री गुप्ता ने बताया कि 33 रेगुलराइज इंडस्ट्रियल एरिया, जबकि 22 रिडिवेलप्ड अनप्लानड एरिया और हाउस होल्ड इंडस्ट्रीज (11 किलोवॉट कनेक्शन एवं 9 लोग काम करते हैं) लगभग 2 लाख छोटी-बड़ी इंडस्ट्रीज दिल्ली में काम करती हैं। लॉकडाउन के दौरान इंडस्ट्रीज पूरी तरह बंद थीं। किसी भी तरह का काम नहीं किया गया। जबकि वर्तमान में भी यह इंडस्ट्रीज महज 25 प्रतिशत क्षमता के साथ ही काम कर रही हैं, लेकिन बिजली कंपनियों ने फिक्स चार्जध्एवरेज बिल के नाम पर भारी भरकम बिल भेज दिया है। ऐसे में जहां केजरीवाल सरकार को राहत देनी चाहिए थी, लेकिन वह सिर्फ बिजली कंपनियों को फायदा पहुंचाने के बारे में ही सोच रही है।