नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को प्रदेश के मजदूरों व कामगारों पर बोलते हुए कहा कि श्रमिकों व कामगारों को एक हजार रुपये भरण पोषण भत्ता उपलब्ध कराने का जो कार्य हुआ है, यह शासन के लोक कल्याणकारी कार्यक्रम को एक नई दिशा देता है। इन सभी मजदूरों व कामगारों की राष्ट्र के निर्माण में बहुत बड़ी भूमिका है। अपने श्रम से इन्होंने समाज के सामने बहुत अच्छी मिसाल पेश की है।
मुख्यमंत्री द्वारा जारी विज्ञप्ति में कहा गया कि 10 लाख 48 हजार 166 श्रमिक परिवारों के खातों में एक हजार रुपये की धनराशि डीबीटी के माध्यम से भेजी गई। इस दौरान मुख्यमंत्री ने ये भी कहा कि बाहर से आए मजदूरों और कामगारों को सुरक्षित क्वारंटाइन केंद्रों में लाया गया, जहां उनके लिए भोजन व पानी के साथ-साथ मेडिकल स्क्रीनिंग की भी व्यवस्था की गई। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 35 लाख प्रवासी श्रमिक व कामागारों को विषम परिस्थितियों में घर वापस आना पड़ा है। पहले चरण में उनके लिए 15 दिन के राशन किट की व्यवस्था की गई। उन्हें परिवहन विभाग के 12 हजार से अधिक बसों के माध्यम से उनके घरों तक पहुंचाया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा दायित्व है कि प्रदेश में आने वाले कामगार व श्रमिकों को रोजगार के साथ जोड़ा जाए। उन्होंने कहा कि पहले राजस्व विभाग ने इनकी स्किल मैपिंग का कार्य किया और फिर वित्त विभाग ने बैंकों के साथ बैठक करते हुए इनके रोजगार और स्वावलम्बन के लिए कार्ययोजनाएं तैयार की है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज के माध्यम से शासन की गरीब कल्याणकारी योजनाओं को गरीबों तक पहुंचाने का कार्य किया गया है। प्रदेश में 5 बार हर गरीब को खाद्यान्न पहुंचाने का कार्य हुआ है और छठी बार इस कार्य को आगे बढ़ाने की कार्रवाई चल रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर किसी व्यक्ति को कोरोना हुआ है तो वह बीमारी को छिपाने के बजाय सामने आए। प्रदेश में जांच और इलाज की व्यवस्था निःशुल्क है। प्रदेश में एक लाख से अधिक बेड हमारे पास उपलब्ध हैं। जिनमें मरीजों का सफलतापूर्वक इलाज हो रहा है।