सीमा वर्मा, (हिसार)
कोरोना कहर के चलते हम सब आजकल घरों में रहकर ही अपना समय व्यतीत कर रहे हैं।घर से बाहर निकलना मतलब मौत को अपने घर बुलाने जैसा है। सरकार ने हमारी सुविधा के लिए ही लॉकडाउन लगाया है, और साथ में हमें सभी सुविधा मोहाया भी करा रही है। फिर भी हम में से बहुत से भाई-बंधु लापरवाही कर इसको हल्के में लेकर इधर उधर निकल जाते हैं। कुछ लोगों का कहना है घर में बोर हो रहें हैं कैद हो कर रह रहे हैं। असल में उनको कैद का मतलब पता ही नहीं होता। घर क्या होता है ये डॉक्टर, नर्स, पुलिस और उन मजदूरों से पूछो जो अपने घर से कोशों दूर है, घर जाने को तरस रहे हैं और अपने परिवार से मिलने को तड़प रहे हैं। ये वक्त सोचने का है, जब हम अपनी बहनों या घर की औरतों पे बाहर निकलने की पाबन्दी लगाते हैं तो उनको कितना बुरा लगता होगा जब आपको कुछ दिनों में ही घर कैद लगने लग गया।
घर में सब अपने होते हैं आधुनिकता और तकनीकी ने हमें पास होते हुए भी अपनों से दूर कर दिया है। घर में मन न लगने का तो सवाल ही पैदा नहीं होता बहुत कुछ होता है खुद को व्यस्त रखने के लिए, फिर बाहर क्यों निकलना। क्यों न हमारे पास जो तकनीक हैं उसको सही से इस्तेमाल में लाया जाए और हम कुछ नया सीखे। क्यों न अपनों के साथ बैठ के बातें करे। घर के बुजुर्गों को अपना समय दें फिर देखना उनके चेहरों पर कैसे रौनक लौट आयेगी आपका भी दिल खुश होगा। क्यों न घर के सब छोटे-बड़ों को समझने की कोशिश करें।
लॉकडाउन हमारी जिंदगी में एक ऐसा मौका है जिसमें हमारे कुछ सपने समय के अभाव से छूट जाते हैं उनको पूरा करने की कोशिश करें। क्या कुछ नहीं कर सकते आजकल घर बैठे। सुबह उठ कर योग करें, मेडिटेशन करें। हम डांस, सिंगिंग, पेंटिंग और क्राफ्ट, योग सब कुछ सीख सकते हैं। नहीं आता तो सब परिवार मिलकर सीखने की कोशिश करें ताकि हमें कुछ नया अनुभव हो। कुछ अच्छा बनेगा कुछ बिगड़ेगा पर सुहानी यादें जरूर जुड़ेंगी। हम अच्छी-अच्छी ज्ञानवर्धक किताबे भी पढ़ सकते हैं। हमारी मां दिन रात हमारे लिए काम करती रहतीं हैं, उनकी काम में मदद करवा सकते हैं। घर, घर होता है इसको कैद का नाम देकर अपनों की और अपनों की भावनओं की धज्जियां ना उड़ाए।
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हमारे घर वालों के साथ-साथ देश वाले भी सभी अपने है सबके बारे में सोचें। हममें से बहुत बोलते हैं कि काश हमें देश भक्ति का मौका मिलता आज इससे अच्छा मौका कोई और हो ही नहीं सकता। सीमा पर जाकर ही देश भक्ति नहीं होती। अगर आज आप घर हैं तो आप भी देश के लिए बहुत कुछ कर रहे हैं। अगर आपको अपनो की जरा भी फिकर है तो बिना किसी काम के घर से बाहर ना निकलें, घर रहें सुरक्षित रहें।