(यु.सि.) नोएडा। रेडियो एक बहुत अच्छा माध्यम है अपनी बात को लोगों तक पंहुचाने के लिए। रेडियो जितना भारत में प्रसिद्ध है उतना ही दुसरे देशों में भी है। वर्ल्ड रेडियो डे के मौके पर मारवाह स्टूडियो में टुनिशिया के राजदूत नेजमेद्दीन लाखल ने कहा की आप हमारे देश के बारे में ज्यादा नहीं जानते होंगे लेकिन टुनिशिया के लोग भारत के बारे में बहुत कुछ जानते है जिसका एक ही कारण है वो है भारतीय फिल्में।
इस अवसर पर पापुआ न्यू गिनी के हाई कमिशनर पॉलिस कोरनी, इंदिरा गाँधी टेक्नॉलिजिकल एंड मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी के चांसलर मारकंडे राय, इजिप्ट के राजदूत मोहम्मद शूकर नाडा, रंजन मुखर्जी, नरेंद्र गुप्ता, मोटिवेटर परेश रुघानी और मारवाह स्टूडियो के निदेशक संदीप मारवाह ने छात्रों को सम्बोधित किया।
संदीप मारवाह ने कहा की आज रेडियो न सिर्फ गाने सुनाने का काम करता है बल्कि एक समाज सुधार का भी बहुत बड़ा जरिया बन गया है, जब भी हम कहीं ट्रेवल करते है तो रेडियो सुनना पसंद करते है, रेडियो हमे कल्पनायें भी देता है किसी भी कहानी को सुनकर हम उससे जुड़ जाते है और उस अनदेखे अनजाने चेहरे को अपना लेती है।
पॉलिस कोरनी ने कहा की जब टीवी और इंटरनेट नहीं था तो रेडियो ही था, लोग रेडियो कान पर लगाए न जाने कितने किलीमीटर का सफर तय कर लेते थे, उसमे चाहे गाने हो, खबरे हो या क्रिकेट हर तरह की खबरे उन्हें मिल जाती थी, धीरे धीरे रेडियो में विस्तार हुआ कई चैनल्स खुले जिन्होंने मनोरंजन के साथ साथ समाज सुधारक की भूमिका भी अदा की और आज रेडियो जो समाज में अपनी एक अलग पहचान रखते है जहां सिर्फ आवाज ही उनकी पहचान है।
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