समीक्षा बैठकः जल का हमारे जीवन में महत्वपूर्ण स्थान है-जल शक्ति मंत्री (गजेन्द्र सिंह शेखावत)

 नई दिल्ली। राजधानी के विज्ञान भवन में मंगलवार को जल शक्ति मंत्री, गजेन्द्र सिंह शेखावत की अध्यक्षता में जल संरक्षण और ग्रामीण पेयजल पर आयोजित बैठक में प्रदेश के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) ग्राम विकास, चिकित्सा एंव स्वास्थ्य (एम.ओ.एस.) द्वारा प्रतिभाग किया गया। इस अवसर पर अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि अभिनन्दन, स्वागत समारोह के समय बैठक आहूत करना जल की महत्ता एवं आवष्यकता को दर्षाता है। जल का हमारे जीवन में महत्वपूर्ण स्थान है एवं बिना इसके धरती पर किसी प्रकार के जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती है।

जल का उपयोग सिर्फ हमारे दैनिक कार्यों के लिये ही नहीं, बल्कि इसका सीधा संबंध हमारे स्वास्थ्य से भी है। वरूण देवता की स्तुति सम्पूर्ण ऋग्वेद में 30 सूक्तियों में किया गया है और ऋग्वेद का 7वाॅ मंडल वरूण देवता को समर्पित है। इस प्रकार से जल का सीधा संबंध दैनिक उपयोग के साथ-साथ जीव के स्वास्थ्य पर असर डालता है। जल का उपयोग हम लोगों के द्वारा अनेक कार्यों पेयजल, कृषि सिंचाई कार्य, उद्योग एवं जल परिवहन के तौर पर किया जाता है। उन्होंने कहा कि जनसंख्या की दृष्टि से उत्तर प्रदेश सबसे बडा राज्य है। 2 लाख 40 हजार 928 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ प्रदेश 75 जिलों में विभाजित है, जिसमें 823 ब्लाक एवं 59 हजार 19 पंचायतें हैं। वर्तमान समय में पूरे प्रदेश की जनसंख्या 23 करोड़ है, जिसमें ग्रामीण क्षेत्र की जनसंख्या 17.5 करोड है। उत्तर प्रदेश में मुख्य रूप से 5 प्रकार की समस्यायें हैं।

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पहली आर्सेनिक और फलोराइड से प्रभावित क्षेत्र है। दूसरा क्षेत्र जेई और एईएस से प्रभावित है। तीसरा खारे पानी और चैथा हमारा बुन्देलखण्ड क्षेत्र है और पाॅचवाॅ क्रिटिकल एवं सेमीक्रिटिकल जोन, जिसे हम डार्क जोन में परिवर्तित करते हैं, ऐसे हमारा पूरा प्रदेष आच्छादित हो गया है। प्रदेष के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पानी की समस्या को दूर करने के लिये हर सम्भव कोशिष कर रहे हैंे, जिसका सार्थक परिणाम यह रहा है कि जिस बंुन्देलखण्ड में पानी की ट्रैन भेजी जाती थी, पिछले दो वर्षों से हमने ऐसा नियोजन किया है कि पानी की कोई समस्या नहीं हो पाई है। प्रदेष सरकार के पास जो सीमित संसाधन थे उसी में सफल प्रयास कर के हम ने पानी की समस्या को दूर किया है। प्रधानमंत्री जी ने ‘‘नल से जल‘‘ देने की बात कही है, जिस को दृष्टिगत रखते हुये प्रदेष सरकार ने बुंदेलखण्ड के लिये एक 9 हजार करोड का प्रोजैक्ट तैयार किया है।

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