वित्तीय संसाधनों की कमी से जूझ रहा है, उत्तराखण्ड

नई दिल्ली। उत्तराखण्ड के वित्त मंत्री प्रकाश पंत ने आज विज्ञान भवन, में केन्द्रीय वित्त मंत्री अरूण जेटली की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई प्री-बजट की बैठक मंे प्रतिभाग किया तथा उत्तराखण्ड सरकार के आगामी वित्तीय वर्ष 2018-19 के प्रस्तावित बजट एवं प्रस्तावित योजनाओं का विस्तृत विवरण प्रस्तुत किया।
वित्तीय संसाधनों की कमी से जूझ रहे उत्तराखण्ड राज्य को 14वें वित्त आयोग की संस्तुतियों के उपरान्त केन्द्रीय संसाधनों के अन्तरण मंे लगभग 2000 करोड़ प्रतिवर्ष की कमी आई है तथा 13वें वित्त आयोग, एस0पी0ए0, विभिन्न केन्द्र पोषित योजनाओं व केन्द्रीय योजनाआंे के अन्तर्गत आवंटित धनराशि के सापेक्ष अभी भी बहुत धनराशि जारी होना अवशेष है। उत्तराखण्ड राज्य की आवश्यकताओं का उल्लेख करते हुये वित्त मंत्री द्वारा अपने प्रत्यावेदन में हिमालयी राज्यों को देश के अन्य राज्यों हेतु पर्यावरणीय सेवा में योगदान देने के लिए प्रतिवर्ष भारत सरकार के प्लान बजट का 2 प्रतिशत क्षतिपूर्ति के रूप में ‘‘ग्रीन बोनस’’ दिये जाने, सर्व शिक्षा अभियान में आगामी केन्द्रीय बजट में 1202.46 करोड़ की व्यवस्था किये जाने, विभिन्न लम्बित जल विद्युत परियोजनाओं को समय से पूर्ण कराने हेतु केन्द्र सरकार से 90ः10 के अनुपात में आर्थिक मदद करने, स्वास्थ्य सेवाआंे के विकास हेतु 100 करोड़ की अतिरिक्त सहायता करने, उत्तराखण्ड में रेलवे नेटवर्क को बढ़ाने यथा- रूड़की-देवबन्द तथा टनकपुर-बागेश्वर रेलवे लाइन हेतु वित्तीय सहायता प्रदान करने का अनुरोध किया गया है।

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