दिल्ली में भूखमरी से 3 बच्चियों की मौत पर संवेदना या सियासत?

प्रमोद गोस्वामी,
नई दिल्ली। पिछले दिनों पूर्वी दिल्ली के मंडावली में भूख के कारण तीन बच्चियों की मौत पर जहां केजरीवाल सरकार को शर्मिंदा होना चाहिए वहां दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया का विवादित बयान, सिसोदिया ने गुरुवार को कहा था कि परिवार ने सोमवार को दोपहर और शाम को खाना खाया था तो ऐसे में ये सवाल है कि अगर परिवार ने सोमवार को खाना खाया था तो सिर्फ एक दिन में बच्चों की मौत भूख से कैसे हो सकती है।

अक्सर देश के दूरदराज इलाकों से भूख के चलते मौत की खबरें आती रहती हैं, लेकिन देश की राजधानी दिल्ली में ऐसी घटना सामने आती है तो यह बेहद ही शर्मिंदगी वाला मामला है। ऐसे मामलों को लेकर अक्सर भूख के चूल्हे पर सियासत की रोटियां सेंकने के लिए राजनितीक पार्टियां तैयार रहती हैं।

प्रदेश कांग्रेस बच्चियों की मौत पर कैन्डल मार्च निकाल कर लोगों की सहानुभूति पाना चाहती है, वही दिल्ली भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी शनिवार को अपने कार्यकर्ताओं के साथ बच्चियों की मृत्यु के प्रति संवेदना प्रकट करने के लिए जंतर मंतर पहुंच जाते है, और सांकेतिक उपवास धरना करते है। कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए तिवारी ने कहा कि दिल्ली में आज अरविन्द केजरीवाल सरकार के रूप में एक संवेदनहीन सरकार बनी हुई है जिसके दिशाहीन कुशासन का परिणाम है कि भूख से एक साथ तीन बच्चियों की मृत्यु जैसी दुखद घटना के कारण आज देश की राजधानी की जनता को शर्मसार होना पड़ा है। तिवारी ने कहा कि हम बच्चों की मृत्यु पर सियासत करने नहीं आये हैं, हम उन बच्चों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करने आये हैं।

राजनिती दलों को यह समझना होगा की जनता अच्छी तरह जानती है कि यह संवेदना हैं या सियासत और ऐसी सियासत पर इन्हें शर्म आनी चाहिएं।

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