रसिका शेखर के गीतों पर थिरक उठा लखनऊ

लखनऊ। तीन ग्रैमी पुरस्कार विजेता रिक्की केज की भक्तिमय बैंड प्रस्तुति और रसिका शेखर के बांसुरी वादन का दर्शकों ने जीबीसी 4.0 के दूसरे दिन आनंद उठाया। मुंबई से आए रिक्की केज व उनकी टीम ने गीतों के जरिए गंगा व शिव की आराधना की तो रसिका शेखर के गीतों व बांसुरी की धुन पर लखनऊ थिरक उठा। वहीं शहर में बनाए गए अनेक मंचों पर मयूर, फरुवाही, अवधी, राई, बमरसिया आदि लोकनृत्य का भी लोगों ने दीदार किया।
रिक्की केज व उनकी टीम ने इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान के मेन हैंगर में उप्र संस्कृति विभाग की ओर से आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति दी। देवी सुरेश्वरि भगवती गंगे भजन पर सबसे पहले गंगा नदी की महिमा का वर्णन किया गया। इसके बाद पधारो म्हारे देश सुनाया। बम लहरी- ऊं नमः शिवाय से शिव जी के चरणों में श्रद्धा निवेदित की गई।

सुधीर यदुवंशी ने इसे स्वरों से सजाया तो कीबोर्ड पर रिक्की केज, गिटार पर सिद्धार्थ, बांसुरी पर वारिजा व ड्रम पर प्रमथ किरण ने संगत किया। बॉलीवुड गायिका रसिका शेखर ने कौन कहते हैं भगवान आते नहीं-तुम मेरे के जैसे बुलाते नहीं, होठों से छू लो तुम-मेरा गीत अमर कर दो, जाने की जिद न करो आदि गीतों पर अपनी प्रस्तुति दी। रसिका ने बांसुरी वादन कर भी अवध के लोगों के दिलों में जगह बना ली।

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