यु.सि., नई दिल्ली। केंद्रीय इस्पात मंत्री राम चन्द्र प्रसाद सिंह (RCP Singh) ने वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान स्टील सीपीएसई द्वारा किए गए पूंजीगत व्यय (कैपेक्स) की समीक्षा करने और चालू वर्ष 2022-23 के लिए कैपेक्स लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए सीपीएसई की योजनाओं का आकलन के लिए मंगलवार को बैठक की। बैठक में श्री सिंह ने इस्पात क्षेत्र के सार्वजनिक उपक्रमों को भविष्य की क्षमता विस्तार योजनाओं में हरित स्टील और शून्य कार्बन लक्ष्यों के अनुरूप काम करने का निर्देश दिया। प्रधानमंत्री के विजन के अनुसार, 2070 तक शून्य कार्बन लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए अनुसंधान एवं विकास क्षेत्रों में निवेश पर जोर दिया।
उन्होंने सीपीएसई को दैनिक आधार पर कच्चे माल और इस्पात के उत्पादन की निगरानी के लिए डिजिटल डैशबोर्ड विकसित करने का भी निर्देश दिया और कहा कि खान-वार उत्पादन योजना से खनिज उत्पादन की निगरानी में मदद मिलेगी। श्री सिंह ने आत्मनिर्भर भारत के लिए प्रधानमंत्री मोदी के विजन के अनुसार, कच्चे माल के उत्पादन को नेशनल स्टील पालिसी 2017 के लक्ष्यों से जोड़ने पर बल दिया। इस्पात उत्पादन क्षमता बढ़ाने, पुराने संयंत्र उपकरणों के आधुनिकीकरण और भविष्य के लिए पर्यावरण की दृष्टि से कुशल प्रौद्योगिकियों को अपनाने के लिए समय पर पूंजीगत व्यय के महत्व पर जोर दिया। इस तरह का खर्च भारतीय अर्थव्यवस्था को भी गति प्रदान करता है।
स्टील सीपीएसई का वित्त वर्ष 2022-23 के लिए कैपेक्स लक्ष्य 13,156.46 करोड़ रुपये है। इस्पात मंत्री ने सीपीएसई को सलाह दी कि वे अपनी मासिक कैपेक्स योजनाओं का पालन करें और समयबद्ध कार्य सुनिश्चित करने के लिए परियोजनाओं की बारीकी से निगरानी करें। ताकि बिना किसी देरी या चूक के वार्षिक लक्ष्य की उपलब्धि संभव हो। सभी स्टील सीपीएसई के सीएमडी ने आश्वासन दिया कि वित्त वर्ष 2022-23 के लिए कैपेक्स लक्ष्य हासिल किया जाएगा।