मोहम्मद मोईन, फतेहपुर
फतेहपुर। प्रधानमंत्री आयुष्मान योजना गरीब परिवार के लिए किसी संजीवनी बूटी से कम नहीं है। फतेहपुर जिले के ज्वालागंज निवासी घनश्याम सोनी 60 वर्षीय का हार्ट ब्लॉकेज हो गया था या यूं कहे जिंदगी ने जीने का साथ छोड़ना तय कर लिया था। पहले घनश्याम सोनी दूसरों की गाड़ी में ड्राइविंग का काम करते थे और मिली मजदूरी से दो वक्त की रोटी का इंतजाम करते थे। लेकिन इस उम्र में ड्राइविंग का काम भी बंद हो गया तो फिर हार्ट बायपास सर्जरी का एक लाख से ऊपर का ईलाज किसी मौत से कम नही था। लेकिन प्रधानमंत्री की आयुष्मान योजना के गोल्डन कार्ड ने तो जिंदगी ही वापस दे दी। आयुष्मान कार्ड के माध्यम से कार्डियोलॉजी हॉस्पिटल में भर्ती हुए और ब्लॉकेज हार्ट का ओपन हार्ट सर्जरी करते दोनों वाल्व ट्रांसप्लांट किया गया। घनश्याम सोनी हॉस्पिटल से डिस्चार्ज होकर घर आ गए है और अब बिल्कुल स्वस्थ है।
लाभार्थी घनश्याम सोनी का कहना है कि ड्राइविंग का काम करके अपनी कमाई से अपने परिवार का भरण पोषण करते थे लेकिन बुढ़ापे में उनके पास कोई कारोबार व आय का कोई अन्य माध्यम नहीं है। अपनी पत्नी के साथ किसी तरह जीवन यापन करते हैं। काफी दिनों से हार्ट संबंधी बीमारी थी लेकिन जब तबियत ज्यादा बिगड़ गयी तो प्राइवेट अस्पताल में दिखाने गए। डॉक्टर के जरिये मालूम चला कि हार्ट की नशे ब्लॉक और लाखों का खर्चा बताया। फिर आयुष्मान कार्ड के जरिए डॉक्टर ने कहा आपके ईलाज में पैसा नहीं लगेगा और आपका ऑपेरशन हो जायेगा। फिर एडमिट होकर मेरा हार्ट का ऑपेरशन होकर वॉल्व बदले गए जिसमे लगभग एक लाख 39 हजार का आयुष्मान कार्ड से ईलाज हुआ। अगर कार्ड ना होता तो आज जीवित नहीं होते। लाभार्थी समेत उनके परिवार जन योजना को लाभकारी बताते हुए प्रधानमंत्री को धन्यवाद देते है।
मुख्य चिकित्साधिकारी ने बताया कि जनपद फतेहपुर में एक लाख 32 हजार 98 परिवारों के दो लाख 57 हजार 379 गोल्डेन कार्ड बनें है जिसमें 1456 बीमारियों का निःशुल्क ईलाज होता है। जिन बड़ी बीमारियों का ईलाज जनपद के चिन्हित अस्पतालों में संभव नहीं है उनका ईलाज बाहरी बड़े अस्पतालों में होता है। लाभार्थी घनश्याम सोनी ने हार्ट का ईलाज कार्डियोलॉजी कानपुर में कराया है जिनका आयुष्मान कार्ड से एक लाख 39 हजार का खर्च आया है।