संवाददाता,
नई दिल्ली। नेताओं की जात को भला कौन नहीं जानता, ये उस बरसाती मेंढ़क की तरह है, जो सावन की पहली फुहार से पहले टर्र.. टर्र.. करने लगते है, जिससे लोगों को पता चल जाता है कि बरसात आने वाला है। 2019 लोकसभा चुनाव आने वाला है और ऐसे में नेता जी को अब अपना क्षेत्र याद आ रहा है। इतिहास गवाह है कि चुनाव जीतने के बाद नेता जी कितने बार अपने क्षेत्र की भ्रमण करते है, विकास तभी याद आता है जब चुनाव आता है। गुरुवार को भाजपा के कई सांसद अपने-अपने संसदीय क्षेत्र में एक दिन का आमरण अनशन किया। जिसमें प्रदेश अध्यक्ष और उत्तर-पूर्वी दिल्ली से सांसद मनोज तिवारी भी अपने संसदीय क्षेत्र में पूरे दिन का आमरण अनशन किए। बताया जा रहा है कि विपक्षी दलों द्वारा संसद की कार्यवाही में अवरोध एवं क्षेत्र की समस्याओं के समाधान की मांग को लेकर यह अनशन किया गया है।
चार साल बाद सांसद मनोज तिवारी को यह लग रहा है कि उनके संसदीय क्षेत्र की अनदेखी की जा रही है। तभी वह कहते है कि अब मुझे अपने संसदीय क्षेत्र उत्तर-पूर्वी दिल्ली की अनदेखी बर्दाश्त नहीं। तिवारी भी मानते है कि उनके संसदीय क्षेत्र के हालात नहीं बदले है। जैसे-जैसे लोकसभा चुनाव नजदीक आ रहा है नेता जी को क्षेत्र का पिछड़ापन दिखाई दे रहा है। तभी शास्त्री पार्क सिग्नल फ्री योजना एवं सिग्नेचर ब्रिज के शीघ्र निर्माण के लिए सांसद महोदय उप राज्यपाल से मिल रहे है। तिवारी कहते है कि उत्तर-पूर्वी दिल्ली संसदीय क्षेत्र के साथ अन्याय अब बर्दाश्त नही किया जायेगा। क्षेत्र का सांसद होने के नाते जनता की लड़ाई मैं सड़क से संसद तक लड़ रहा हूं। चार साल बीत जाने के बाद नेता जी के क्षेत्र में कितना विकास हुआ है वहां की जनता भलीभांति जानती है।
बता दें कि 2009 में मनोज तिवारी ने गोरखपुर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से बतौर समाजवादी पार्टी उम्मीदवार लोकसभा चुनाव लड़ा था, मगर अफसोस भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार योगी आदित्यनाथ के दंगल में मृदुल को शर्मनाक हार मिली। उसके बाद गीत गुनगुनाने वाले मृदुल अन्ना हजारे के भ्रष्टाचार विरोधी अभियान में भी सक्रिय रहे। 2014 में तिवारी उत्तर-पूर्वी दिल्ली लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार घोषित किए गए और बिहारी होने के नाते बिहार, पूर्वांचल के लोगों का दिल जीतने में सफल हो गए और चुनाव जीत गए।