नई दिल्ली। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसी महीने की 11 तारीख को नेपाल जा रहे हैं। उम्मीद जताया जा रहा है की, पीएम के इस भ्रमण से भारत-नेपाल के द्विपक्षीय संबंधों में एक नई उर्जा प्रदान हो सकती है।
माना जा रहा है की, पीएम मोदी अपने दो दिवसीय नेपाल यात्रा के समय मां जानकी का जन्म स्थल जनकपुर धाम भी जा सकते है। जनकपुर धाम नेपाल का खास धार्मिक स्थल है। यही पर मां जानकी और भगवान श्री राम का विवाह हुआ था। इसकी अहमियत यहा से महज कुछ ही दुरी सीतामढ़ी में भी है क्योंकि ऐसा माना जाता है, कि रामायण और पुराणों में वर्णित कहानियों के अनुसार, अनावृष्टि के कारण यहां अकाल की स्थिति पैदा हो गई तो महर्षियों और साधुओं के द्वारा एक यज्ञ का आयोजन किया। यज्ञ भूमि के लिए सोने का हल चलाने के लिए राजा जनक सीतामढ़ी के हलेश्वर स्थान से चले तो एक घड़े से हल का अग्र भाग सटा और उसी से मां सीता प्रकट हुईं।
इसके बाद उनका लालन पालन नेपाल के जनकपुर धाम स्थित राजा जनक के महल में हुआ। सीतामढ़ी में भी मां जानकी का विशाल मंदिर है, जहां दूर-दराज से बड़ी संख्या में लोग आकर मां जानकी की पूजा अर्चना करते हैं।
लिहाजा पीएम मोदी की इस यात्रा की भी अपनी अहमियत है क्योंकि बीते कुछ समय से भारत-नेपाल के संबंध चीन के बढ़ते दखल के कारण कुछ असहज हो गए थे। मगर नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ‘ओली’ इस बार पद संभालने के तुरंत बाद सबसे पहले भारत की यात्रा पर आए। उन्होंने छह से आठ अप्रैल के बीच नई दिल्ली की यात्रा के दौरान भारत के साथ अपने देश के संबंधों को पहले की तरह सामान्य बनाने की पहल की। और अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नेपाल जा रहे हैं जो इस कोशिश की सफलता का संकेत है।
नेपाल और भारत के राजनयिक इस यात्रा की पुष्टि करते हुए बताते है पीएम मोदी की यात्रा से दोनों देशों के सदियों पुराने सामाजिक और धार्मिक रिश्तों को नई ऊंचाई मिलेगी। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पीएम बनने के बाद यह तीसरी नेपाल यात्रा होगी।