kahawat in hindi

kahawat in Hindi: 11 खूबसूरत हिंदी कहावतें!

1. शीशे के घर में बैठकर दूसरों पर पत्थर नहीं फेंका करते
इस कहावत का मतलब साफ है कि अपने अंदर बुराई होते हुए दूसरे को बुरा-भला नहीं कहना चाहिए। हो सकता है यह कहावत पढ़ कर आपको ‘वक्त’ फिल्म में राजकुमार का यह डायलॉग याद आ रहा हो – चिनॉय सेठ, जिनके अपने घर शीशे के हों, वो दूसरों पर पत्थर नहीं फेंका करते!

2. सुंदर दिखना है तो तकलीफ भी झेलनी होगी
खूबसूरती कुर्बानी मांगती है। लड़कियां मॉडल बनने के लिए भूख बर्दाश्त करती हैं, तो कई लोग शरीर पर टैटू बनवाते हैं। इस सिलसिले में आपने अंग्रेजी की कहावत भी सुनी होगी- ष्नो पेन, नो गेन।ष्

3. मछली हमेशा सिर से सड़ने लगती है
जब मछली मरती है तो उसका सिर सबसे पहले गलना शुरू होता है और इसीलिए बदबू भी सबसे पहले वहीं से आती है। यह कहावत तब कही जाती है जब नेतृत्व ही अपनी बनाई पार्टी या कंपनी की बर्बादी का कारण बनने लगता है।

4. जहाज डूबता है तो चूहे सबसे पहले भागते हैं
पुराने जमाने में जब लोग समंदरी जहाजों में सफर करते थे तो नीचे वाले हिस्से में कोई दरार पड़ने पर चूहे ऊपर आने शुरू हो जाते थे. इससे लोग मानने लगे कि चूहे किसी आने वाले खतरे का संकेत देते हैं।आजकल ये कहावत उन लोगों पर इस्तेमाल की जाती है जो मुश्किल वक्त में किसी संस्थाध्दोस्त को छोड़ने लगते हैं।

5. इंसान जिस डाल पर बैठा हो उसे नहीं काटता
इससे मिलती जुलती और भी कहावतें हैं जैसे- अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मारना या फिर जिस थाली में खाना उसी में छेद करना। मतलब यह है कि इंसान ऐसे कई काम कर लेता है, जिससे उसका खुद का ही नुकसान होता है।

6. बोलना चांदी, खामोशी सोना
जब तक आप मुंह न खोलें तो लोग आपके बारे में कोई अपनी राय नहीं बना सकता। जैसे ही आप बोलते हैं तो आपकी असलियत उजागर हो जाती है। हिंदी में इससे कुछ मिलती-जुलती कहावतें हैंरू -एक चुप सौ को हराता है या फिर बंद मुट्ठी लाख की, खुल गई तो खाक की, एक चुप्पी सौ पर भारी।

7. एक हाथ दूसरे को धोता है
मुजरिम एक-दूसरे की मदद करते हैं।जैसे एक अमीर व्यक्ति भ्रष्ट राजनेता को पैसे देता है।फिर बदले में वह भ्रष्ट राजनेता उस अमीर व्यक्ति को मदद पहुंचाने की कोशिश करता है। पता लगाना मुश्किल है कि मदद कहां खत्म होती है और भ्रष्टाचार कहां से शुरू होता है।

8. छत पर बैठे कबूतर से हाथ में आई चिड़िया भली
भागते भूत की लंगोटी सही। कुछ ऐसा ही संदेश इस कहावत में भी दिया गया है कि जो हाथ में है उसी से संतोष करो और ज्यादा से ज्यादा हासिल करने की उम्मीद नहीं करनी चाहिए। अंग्रेजी में भी मिलती-जुलती कहावत है जिसके मुताबिक, हाथ में आया एक पक्षी झाड़ पर बैठे दो पक्षियों से बेहतर है।

9. ज्यादा बावर्ची हो तो खाने का सत्यानाश
इस मुहावरे का मतलब सीधा-सादा है कि बिना नेतृत्व के बहुत सारे लोग जब किसी काम को करने लग जाते हैं तो उसका खराब होना तय मानिए।

10. झूठ के पांव छोटे होते हैं
छोटे पांव से यह मतलब बिल्कुल नहीं है कि छोटे कद के लोग ज्यादा झूठ बोलते हैं, बल्कि इसका अर्थ यह है कि झूठ ज्यादा देर तक नहीं चल पाता है। एक तरह से यह लोगों को नसीहत भी है कि झूठ न बोलें, क्योंकि पोल खुलने में देर नहीं लगती है।

11. हर शख्स अपनी किस्मत खुद बनाता है
इस कहावत का शाब्दिक अर्थ यह है कि हर व्यक्ति अपनी किस्मत को खुद गढ़ता है। मतलब जितनी ज्यादा मेहनत आप करेंगे उतनी बेहतर आपकी किस्मत बनेगी। हम अक्सर कहते हैं हर इंसान अपनी किस्मत खुद लिखता है।

दोस्तों आपको ये हमारा Hindi kahawat कैसी लगी, अगर आपके पास कोई ओर hindi kahawatein हैं तो आप हमारे साथ साझा कर सकते है।

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कुछ लोकप्रिय हिंदी में कहावतें अर्थ सहित दिए गए है:

1.  अंधे के आगे रोना, अपना दीदा खोना— जो अत्याचारी और निर्दयी होते हैं उनके आगे अपना दुखड़ा सुनाना व्यर्थ होता है ।

2. अंघों में काना राजा– यदि बहुत-से मूर्ख हों तो उनमें से किसी एक को पंडित मानना ।

3. अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ता— अकेला आदमी कुछ नहीं कर पाता ।

4. आगे नाथ न पीछे पगहा— बिलकुल निःसंग ।

5. काला अक्षर भैंस बराबर— बिलकुल अनपढ़ का लक्षण ।

6. साँप भी मरे और लाठी भी न टूटे— किसी नुकसान के बिना ही काम का पूरा होना ।

7. खग जाने खग ही की भाषा— जो जिसके साथ रहता है वही उसकी बात जानता है ।

8. एक म्यान में दो तलवार– एक जगह पर दो समान अहंकारी व्यक्ति नहीं रह सकते ।

9.  ऊँट के मुँह में जीरा- जितनी जरूरत हो उससे बहुत कम ।

10. उलटे चोर कोतवाल को डाँटे— अपराध करनेवाला अपराध पकड़ने वाले को डाँटे ।

11. एक पंथ दो कान— एक साथ दो इचित लाभ होना ।

12. एक तो करेला, दूजे नीम चढ़ा— बुरे आदमी को बुरे का संग मिलना ।

13. कहाँ राजा भोज और कहाँ गैंगुआ तेली- छोटे और निर्घन आदमी का मिलन बड़ों से नहीं होता ।

14. आम का आम गुठली का दाम — किसी भी काम में दूना लाभ उठाना ।

15. अधजल गगरी अलकत जाय- थोड़ी विद्या अथवा घन पाकर इतराना, घमंड करना ।

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