हेल्पलाइन नम्बर नहीं, जब तक अवैध निर्माण को नहीं रोका जायेगा नागरिक संतुष्ट नहीं होगा।

नई दिल्ली। नॉर्थ एमसीडी द्वारा जारी हेल्पलाइन नम्बर 155304 उप राज्यपाल के आदेश पर किये गए है जो हाइटेक तरीके से रिकॉर्ड किया जायेगा। शिकायत के तुरंत बाद निगम अधिकारी द्वारा शिकायतकर्ता के पास एसएमएस द्वारा सूचित किया जायेगा। शिकायतकर्ता अपनी शिकायत की अपडेट निगम के कॉल सेंटर की साइट से भी प्राप्त कर सकता है।

इस कार्य के लिए निगम ने सहायक अभियंता अजय चैधरी और दो कनिष्ठ अभियंता को नियुक्त किया है, जो आईटी के अतिरिक्त डायरेक्टर रोहित गर्ग के अधीन कार्य करेगा। वैसे तो इसका औपचारिक शुभारंभ महापौर और आयुक्त द्वारा किया गया है। लेकिन यह कॉल सेंटर पिछले एक महीने से कार्यरत है। इस पर लगभग एक हजार शिकायते आ चुकी है।
यहां दर्ज हुए अवैध निर्माण की शिकायतों पर अभी तक शिकायतकर्ताओं को संतुष्ट जवाब नहीं मिला। निगम चाहे कितने भी कॉल सेंटर बदल दें जब तक अवैध निर्माण को नहीं रोका जायेगा नागरिक संतुष्ट नहीं होगा। वायु प्रदूषण अवैध निर्माणों के कारण तेजी से बढ़ रहा है मगर निगम के कानों पर जूं नहीं रेंग रहा है।

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निगम की विषय पर इस प्रकार की शिकायत जोन के कन्ट्रोल रूम को भी दी जाती है मगर आम जनता की सुनवाई वहां भी नहीं होती। कन्ट्रोल रूम के नाम पर समिरेंक्ट 1266, 18002008701, 9643096430 पर भी शिकायत दी जाती है जिसको खुद महापौर देखते है। आयुक्त महोदय ने अपना ट्विटर एकाउंट भी खोला हुआ है मगर इन सब के बावजूद निगम खुले में शौचमुक्त नहीं हो पाई है। रोहिणी, नरेला, सिविल लाइन जोन के इलाकों में प्रधानमंत्री द्वारा अरबों रुपये खर्च के बाद भी लोगों को खुले में शौच करते हुए देखा जा सकता है। प्रधानमंत्री की स्वच्छ भारत, स्वस्थ्य भारत की टीमें जो कि पूरे देश की शहरों की रैंकिंग करती है वह भी भ्रष्टाचार की घेरे में आ चुकी है। अच्छी रैंक के लिये एसबीएम की टीम को खुश करना जरूरी है, अन्यथा आप अच्छी रैंक का सपना भी नहीं देख सकते।

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