प्रमोद गोस्वामी, पत्रकार व राजनीतिक विश्लेषक
सिकटा विधानसभा सीट का सबसे बड़ा दुर्भाग्य यह है कि जिसने भी इस विधानसभा से चुनाव जीता उसने यहां की जनता को सिर्फ वोट बैंक की तरह इस्तेमाल किया हैं। यह क्षेत्र आज भी जनसुविधाओं से वंचित हैं। नेपाल सीमा से लगे यह विधानसभा क्षेत्र विकास की राह में अति पिछड़े क्षेत्रों में सुमार हैं।
नई दिल्ली। सिकटा विधानसभा सीट की अपनी एक अलग ही पहचान है। यह विधानसभा बिहार के पश्चिम चंपारण जिले के अंर्तगत आता है। विधानसभा संख्या नौ, नेपाल सीमा से लगा वाल्मिकी नगर संसदीय (लोकसभा) निर्वाचन क्षेत्र का हिस्सा है।
सिकटा विधानसभा सीट पर 6 बार कांग्रेस (INC), दो बार स्वतंत्र पार्टी (SP एसपी), दो बार जनता पार्टी (JP जेपी), एक एक बार काॅमुनिस्ट (CPI सीपीआई), चंपारण विकास पार्टी (CVP सीवीपी), भारतीय जनता पार्टी (BJP), जनता दल यूनाईटेड (JDU) और तीन बार निर्दलीय जीत हासिल करने में कामयाब हुए। यहां पिछड़े व अतिपिछड़े वोटरों के साथ मुस्लिम, यादव, महादलित की भी अच्छी खासी संख्या हैं। इस सीट की खास बात यह भी है कि यहां से हिन्दू और मुस्लिम प्रत्याशी एक एक कर चुनाव जीतने में अब्बल रहे हैं। यह सीट तीन बार निर्दलीय रहा है। जिसमें एक बार फैयाजुल आजम और दो बार दिलीप वर्मा ने जीत हासिल की थी।
2015 का विधानसभा चुनाव
2015 के विधानसभा चुनाव में सिकटा सीट पर जनता दल यूनाईटेड (जेडीयू) से खुर्शीद आलम उर्फ फिरोज अहमद ने जीत हासिल की थी। जेडीयू के फिरोज अहमद ने 69,870 वोट प्रतिशत (43.48) पाकर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के प्रत्याशी दिलीप वर्मा को 2,835 मत से हराया था। दिलीप वर्मा को कूल 67,035 वोट प्राप्त हुआ था जिसका वोट प्रतिशत 41.71 था। इस सीट पर 2015 में हुए विधानसभा चुनाव में कुल मतदाता 2,43,497 थे, जिनमें महिला मतदाता 1,13,054 और 1,30,47 पुरुष मतदाता शामिल थे, इस सीट पर 66.2 प्रतिशत मतदान हुआ था।
सिकटा विधानसभा सीट का सबसे बड़ा दुर्भाग्य यह है कि जिसने भी इस विधानसभा से चुनाव जीता उसने यहां की जनता को सिर्फ वोट बैंक की तरह इस्तेमाल किया हैं। यह क्षेत्र आज भी जनसुविधाओं से वंचित हैं। इस सीट से वर्तमान में नीतिश कुमार की पार्टी जदयू से खुर्शीद आलम उर्फ फिरोज अहमद विधायक थे, जो चुनाव की तारिखों के ऐलान के बाद खुर्शीद आलम की विधायकी निरस्त हो गई हैं। 10वीं पास खुर्शीद आलम का यह विधानसभा विकास की राह में अति पिछड़ा क्षेत्रों में सुमार हैं। 2015 में दाखिल हलफनामे के अनुसार खुर्शीद आलम के पास एक करोड़ 74 लाख 25 हजार 536 रुपये की संपत्ति है और 5 आपराधिक केस दर्ज है।
प्रमोद गोस्वामी, वरिष्ठ पत्रकार