शनिवार की संध्या पर लोकगीतों की महफिल, भोजपुरिया माहौल में मंत्रमुग्ध हुए दिल्ली वाले

नई दिल्ली। लोक पर्व धरोहर कार्यक्रम सोनचिरैया में उत्तर प्रदेश की सुप्रसिद्ध लोक गायिका मालिनी अवस्थी ने देर शाम जब मधुर स्वरों के साथ लोकगीतों की महफिल सजाई तो दर्शक झूम उठे और लोकगीत संगीत प्रेमियों ने भरपूर लुफ्त उठाया। उन्होंने शिशु के जन्म के समय गाये जाने वाले मंगलाचार सोहर, जीरा के साथ देवीगीत और श्रोताओं के अनुरोध पर रिलिया बैरन पिया को लिए जात रे..जैसे भाव विभोर कर देने वाले एक से एक बढ़कर लोकगीतों की प्रस्तुति देकर लोकगीत एवं कला प्रेमियों को अपने इशारों पर खूब झुमाया।

शनिवार की संध्या में कनॉट प्लेस स्थित सेंट्रल पार्क में आयोजित लोक पर्व धरोहर में मालिनी अवस्थी ने भोजपुरी व अवधी भाषा में एक से बढ़कर एक मंत्रमुग्ध कर देने वाले लोक गीतों की प्रस्तुति देकर माहौल को भोजपुरी में कर दिया।

मालिनी अवस्थी ने कहा कि लोक गीत संगीत लोगों परिवारों समुदायों को आपस में जोड़ने में पुलों की भूमिका का निर्वहन करते हैं। आज की पीढ़ी जहां दिन-ब-दिन पाश्चात्य शैली की तरफ बढ़ रही है, वहीं लोकगीतों से निरंतर दूरी भी बनाती जा रही है। उन्होंने कहा कि हमें अपनी संस्कृति को नहीं भुलना चाहिए। उन्होंने आज के बदलते परिवेश में युवा पीढ़ी को लोकगीतों की भावनाओं से परिचित करने की पुरजोर वकालत करते हुए कहा कि लोक गीतों की परंपरा सदियों पुरानी है, इससे अपनापन झलकता ही नहीं बल्कि स्पष्ट नजर आता है। उन्होंने बताया कि लोकगीतों में श्रृंगार एवं विरासत के भाव प्रमुखता से पाए जाते हैं।

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