योगी सरकार ने दिव्यांगजन के पुनर्वासन के साथ राज्य की विकास की बात कही

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज जनपद रामपुर में गांधी स्टेडियम मैदान में दिव्यांगजन आयोजित कार्यक्रम में कहा कि राज्य सरकार समाज के सभी वर्गों के सर्वांगीण विकास एवं उत्थान के लिए कृृतसंकल्प है। दिव्यांगजन के पुनर्वासन एवं सशक्तिकरण के प्रति प्रदेश सरकार पूरी तरह से संवेदनशील है। गांव, गरीब, किसान, महिला, नौजवान और बुजुर्ग हमारी प्राथमिकता में शामिल हैं। प्रदेश सरकार ’सबका साथ-सबका विकास’ की भावना से प्रदेश के सभी वर्गों और क्षेत्रों का विकास कर रही है।
मुख्यमंत्री योगी ने आयोजन को भारत सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के प्रति आभार व्यक्त करते हुए 3319 सहायक उपकरणों से लाभान्वित होने वाले सभी 2211 दिव्यांगजनों को बधाई दी। वितरित सहायक उपकरणों में ट्राईसाइकिल, व्हील चेयर, दृृष्टि बाधितों के लिए स्मार्ट केन, डेजी प्लेयर, टैबलेट तथा श्रवणबाधितों के लिए कान की डिजिटल मशीन और कुष्ठ रोग से प्रभावित व्यक्तियों के दिनचर्या में सहायक ए0डी0एल0 किट, मोबाइल फोन आदि शामिल हंै।
श्री योगी ने कहा कि इन सहायक उपकरणों के माध्यम से दिव्यांगजन का जीवन पहले से बेहतर, सरल और सहज होगा। वे समाज की मुख्यधारा में शामिल होकर राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान कर सकेंगे। उन्होंने दिव्यांगजन को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि ईश्वर प्रदत्त कठिनाइयों को चुनौती के रूप में स्वीकार करते हुए वे अपनी प्रतिभा एवं संकल्प के बल पर समाज में अपने कार्यांे से प्रेरक बनें। दिव्यांगता मनुष्य के लिए एक प्रकार की परीक्षा है, परन्तु दिव्यांगजन इसे स्वीकार कर अपनी प्रतिभा से विभिन्न क्षेत्रों में नये कीर्तिमान स्थापित कर रहे हैं। इसके लिए दिव्यांगजन प्रोत्साहन के हकदार हैं। समाज की संवेदना इनके साथ होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति में विशिष्ट प्रतिभा होती है, जिसे प्रोत्साहित किए जाने पर वह समाज व राष्ट्र के लिए उपयोगी साबित हो सकती है। इस अवसर पर केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्यमंत्री श्री कृृष्णपाल गुर्जर ने कहा कि सरकार दिव्यांगजन को स्वावलम्बी बनाने का हर सम्भव प्रयास कर रही है। आज का यह कार्यक्रम इस दिशा में बेहद महत्वपूर्ण एवं उपयोगी है। दुनिया में ऐसे तमाम लोग हैं, जिन्होंने दिव्यांगता के बावजूद महान उपलब्धियां हासिल करते हुए समाज के लिए उदाहरण प्रस्तुत किया है। वर्तमान समय में इस तरह के संसाधन एवं सुविधाएं उपलब्ध हैं, जिनका इस्तेमाल करके दिव्यांगजन की खूबियों को उभारा जा सकता है। इसके लिए प्रयास करना न सिर्फ सरकार की बल्कि समाज की भी जिम्मेदारी है।

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