नई दिल्ली। बवाना अग्नि कांड में मारे गए लोगों के परिजनों को मुवाउजे के तौर पर परिवार के एक सदस्यों को सरकारी नौकरी दिए जाने की मांग करते हुए दिल्ली महिला कांग्रेस ने मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल के आवास पर बीते शनिवार को प्रर्दशन किया। दिल्ली प्रदेश महिला कांग्रेस की अध्यक्ष शर्मिष्ठा मुखर्जी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल से यह मांग की वहां पर काम करने वाली महिला मजदूरों को न्यूनतम वेतन दिलवाकर उनकी कार्य करने की स्थिति में सुधार लाएं जाये। शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कहा कि आप पार्टी की दिल्ली सरकार की नाक के नीचे बवाना औद्योगिक क्षेत्र में गैर कानूनी तरीके से छुट्टी के दिन महिलाओं और मजदूरों से पटाखा फैक्टरी को बाहर से ताला बंद करके कार्य करवाया जा रहा था जिसके कारण भीष्ण अग्नि कांड हुआ और 17 गरीब लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी, जिसमें 10 महिलाएं भी शामिल थी। प्रदर्शनकारियों को सम्बोधित करते हुए शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कहा कि हम आज दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल से बवाना अग्नि कांड में जान गंवा चुकी महिलाओं व घायल महिलाओं को न्याय दिलाने के लिए उनके घर पर आए है। शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कहा कि इस कांड को लेकर दिल्ली नगर निगम और दिल्ली सरकार एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगा रहे है जबकि बवाना औद्योगिक क्षेत्र डीएसआईडीसी के अन्तर्गत आता है, जहां पर गैर कानूनी तरीके से महिला मजदूरों से काम करवाया जा रहा था।
मुखर्जी ने कहा कि दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय माकन के आदेश पर दिल्ली महिला कांग्रेस को बवाना अग्नि कांड को लेकर एक रिपोर्ट तैयार करने के लिए कहा गया था और हमारी रिपोर्ट में बहुत चैकाने वाले तथ्य सामने आए है। शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कहा कि बवाना क्षेत्र में काम करने वाले मजदूरों जिसमें महिलाएं भी उनसे पांच-पांच हजार के महीने के वेतन पर 12-12 घंटे काम करवाया जाता है जबकि दिल्ली में न्यूनतम मजदूरी ही 15000 के करीब है। उन्होंने कहा कि वहां पर काम करने वाली महिलाओं को न केन्द्र सरकार और न दिल्ली सरकार द्वारा लागू की जाने वाली योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है। वहां पर महिलाओं के लिए अलग से शौचालयों की व्यवस्था भी नही है और कई नाबालिग लड़कियों से भी फैक्टरियों में काम करवाया जाता है। मुखर्जी ने कहा कि जब तक बवाना अग्निकांड की चपैट में आए लोगों में शामिल महिलाओं को न्याय नही मिल जाता तब तक दिल्ली महिला कांग्रेस दिल्ली की महिलाओं की लड़ाई को जारी रखेगी।