नई दिल्ली। रोजगार की ओर बढ़ते महिलाओं की कदम ग्रामीण महिलाओं की जिन्दगी में बदलाव ला दिया है। महिलाओं को सशक्त व आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में उत्तर प्रदेश राज्य सरकार की योजनाएं कारगर साबित हो रही हैं। कोरोना काल में योगी आदित्यनाथ ने प्रवासी लोगों की मदद करने के लिए नई योजनाओं को प्रदेश में लागू किया जिसमें महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए स्वंय सहायता समूहों का गठन किया गया जिससे यूपी के ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं को काफी लाभ मिल रहा है। इस दिशा में लखनऊ के निगोहा के मीरखनगर ग्राम पंचायत मजरा भैरमपुर की महिलाएं घर की दहलीज को लांघकर खुद को साबित कर रही हैं।
स्वयं सहायता समूहों की आमदनी की बदौलत परिवार की किस्मत चमकाने में जुटी यह महिलाएं बेटियों को तालीम दिलाकर कामयाबी के शिखर पर पहुंचाने में लगी हैं। जैविक खेती, पशुपालन से लेकर दूसरी महिलाओं को रोजगार दिलाने वाली निगोहां के भैरमपुर की महिला आर्मी दूसरी पंचायतों के लिए मिसाल बन गई हैं। बता दें कि मीरखनगर की आबादी 3500 और भैरमपुर की आबादी 1000 है।
स्वयं सहायता समूहों की ये महिलाएं जैविक खेती कर गांव में खुशहाली बिखेर रही हैं। खेती करने के तरीके में इन महिलाओं ने न सिर्फ बदलाव लाए बल्कि अब दोगुनी तेजी से ये फसल उगा रही हैं। इस काम से जुड़ी महिलाओं का कहना है कि सब्जियां उगाने से लेकर पारम्परिक खेती करने तक हम लोग अधिकतर जैविक खाद का ही प्रयोग करते हैं। जलकुम्भी, गोबर, पुआल समेत दूसरे हरित अवशेषों के प्रयोग से विशेष विधि द्वारा शीवांस खाद का उत्पादन भी स्वयं करते हैं। इसके अतिरिक्त वर्मी कम्पोस्ट का भी सहारा लेते हैं। महिलाओं ने बताया कि जरुरत के मुताबिक खाद का उपयोग करने के बाद सभी परिवार बची-खुची खाद दूसरों को बेंचकर अब पहले से अधिक आमदनी हो जाती है।
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उमेश कुमारी ने बताया कि योगी सरकार द्वारा ग्रामीण महिलाओं को ध्यान रखते हुए शुरू की गई योजनाओं का लाभ हम लोगों को मिला है। हम लोगों ने 80 महिलाओं के समूह का गठन कर छोटी सी पूंजी संग काम की शुरूवात की थी तब 40 रुपए प्रतिदिन की कमाई होती थी पर आज कोराना काल के संकट के बावजूद स्वंय सहायता समूह के बल पर 160 महिलाओं की टीम लगभग 200 से 300 रुपए की प्रतिदिन आमदनी कर रही हैं।