नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस ने पवन शुक्ला नाम के व्यक्ति को अपने ही दोस्त की हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया है। आरोप है कि पत्नी से संबंध के संदेह में आरोपी ने अपने ही दोस्त की हत्या कर दी।
ममला कुछ इस प्रकार है, दिल्ली पुलिस की मुताबिक जनवरी 2018 थाना बदरपुर के बीट स्टाफ मथुरा रोड निकट मोहन काॅपटेडिव क्षेत्र में गश्त कर रहे थे। गश्त के दौरान वह एक खाली प्लाट पर पहुंचे जहाँ एक अज्ञात पुरुष मृत अवस्था में पड़ा मिला मृतक का सिर बुरी तरह कुचला हुआ था और वह पहचानने योग्य नहीं था। उसके दाहिने हाथ की चार अंगुलियों पर आरडीआरडी का एक टैटू बना मिला। मौके से एक माचिश की डिब्बी, चांदी का वर्क, पेपर पाइप भी मिले जिससे ये प्रतीत हो रहा था कि मृतक नशे का आदी था। पुलिस ने आईपीसी 26/18यू/302एस, के तहद थाना बदरपुर में एफआईआर दर्ज मामले की जांच शुरू की।
पुलिस के लिए जांच के दौरान मृतक की पहचान स्थापित करने की बड़ी चुनौती थी। मृतक के फोटो और अन्य विवरण वाले हैंडबिलस वितरित और चिपकाए गए बदरपुर और दिल्ली, नोएडा और फरीदाबाद के सभी आस-पास के पुलिस थाने इलाकों में व्यापक खोज की गई। फोटो को सोशल मीडिया के जरिए भी प्रसारित किया गया था। आसपास के क्षेत्र में सभी नशेड़ियो और रफीयन की जांच की गई। डोजियर की जांच की गई लेकिन कोई सुराग हासिल नहीं हुआ। अतः पुलिस ने रात में एक बार फिर मौका ए वारदात की गहनता से जांच की व मौके से कुछ विजिटिंग कार्ड के फटे हुए टुकड़े मिले। सभी टुकड़ों को एकत्र और व्यवस्थित किया गया व उनसे संपर्क किया गया मगर कोई फायदा नहीं मिला इतने में एक विजिटिंग कार्ड के पीछे एक फोन नंबर लिखा मिला। जाँच के दौरान नंबर एक महिला का पाया गया परंतु अपने आवास पर महिला रहती नहीं मिली। तफ्तीश की दौरान उसका पता मिला व जिसकी पहचान आरोपी पवन शुक्ला की पत्नी के रूप में की गई।
पुलिस दल ने महिला (आरोपी पवन शुक्ला की पत्नी) की जांच की, जिसने मृतक की पहचान अपने पति के दोस्त, देवेंद्र ताजपुर पहाड़ी, बदरपुर के रूप में हुई। इस पर, मृतक के पिता की भी पूछताछ की गई और उन्होंने पवन शुक्ला पर संदेह उठाया क्योंकि उसने ही वारदात वाले दिन मृतक को अपने साथ बुलाया था। पवन शुक्ला की तलाश की गई तो वह ना तो अपने घर में मिला और न ही उसकी पत्नी को उसके किसी ठिकाने की जानकारी थी।
बहुत लोगों से पूछताछ की गई व विभिन्न जगहों पर छापेमारी भी की गई और गुप्त मुखबिरों को पवन शुक्ला का पता लगाने के लिए तैनात किया गया। काफी प्रयासों के बाद गुप्त सूचना पर आरोपी पवन शुक्ला नशामुक्ति केंद्र, तुगलकबाद एक्सटेंशन से गिरफ्तार किया गया।
शुरू में आरोपी ने अपराध के बारे में अपनी अज्ञानता को दर्शाया लेकिन गहन पूछताछ के बाद वह टूट गया और खुलासा किया कि वह गांजे का आदी हैं और मृतक देवेन्द्र भी उसके साथ नशा करता था। वे दोनों लगभग डेढ़ साल पहले मिले थे और तभी से वे अच्छे दोस्त बन गए। मृतक उसके घर पर आने जाने लगा और पवन शुक्ला को संदेह हुआ कि मृतक के उसकी पत्नी के साथ दोस्ती बढ़ रही है। उसने आगे बताया कि घटना के दिन वह मृतक के साथ दोपहर में मोहन काॅपटेडिव क्षेत्र में एक खाली प्लाट में नशा कर रहा था ।
नशा करते समय मृतक देबू ने अपनी जेब से कुछ कागज निकाले जो आरोपी पवन शुक्ला ने एक विसिटिंग कार्ड देखा जिस पर उसकी पत्नी का फोन नंबर लिखा हुआ था। चूंकि पवन शुक्ला को पहले से ही मृतक और उसकी पत्नी के संबंध के बारे में संदेह था (हालांकि यह सिर्क आरोपी की सोच थी तथा मृतक व आरोपी की पत्नी के बीच संबंध के संबंध में कोई बयान या सबूत नहीं मिला ) और इस विजिटिंग कार्ड के साथ उसके मन में इस बात की पुष्टि हो गई थी। पवन शुक्ला ने मृतक को मारने के लिए योजना बनाई व देबू को नशा देता रहा ताकि वह विरोध करने के काबिल ना रहे जब देबू नशे में मस्त हो गया तभी पवन शुक्ला ने पास पड़े दो बड़े भारी पथरो से मृतक के सिर को कुचल दिया और ब्लेड से उसकी गर्दन को भी काटा। इसके बाद पवन शुक्ला भाग गया। पवन शुक्ला जानबूझकर अपनी गिरफ्तारी से बचने के लिए तुगलकाबाद एक्सटेंशन में एक नशामुक्ति केंद्र में छिप गया उससे पहले वह अपनी पत्नी व 04 महीने की बच्ची को उनके मायके फरीदाबाद छोड़ आया था।