नेपाल को पहचानना होगा कि उसका शत्रु कौन है और मित्र कौन है-CM योगी

ब्यूरो, लखनऊ। भारत और नेपाल वार्ता पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि दोनों देशों का आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक संबंध सांझी विरासत का हिस्सा है। इसमें राजनीति बाधक नहीं होनी चाहिए। बल्कि दोनों देशों को अपनी सांझी विरासत को और आगे बढ़ाना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत समृद्ध होता है, तो नेपाल में भी समृद्धि आती है। क्योंकि आधा नेपाल, भारत में बसता है। भारत-नेपाल वार्ता दोनों देशों की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत के साथ-साथ व्यापार को भी नई ऊंचाइयों पर पहुंचाएगा।
यह वार्ता इंडिया फाउंडेशन, नीति अनुसंधान प्रतिष्ठान नेपाल और नेपाल-इंडो चेंबर आफ कामर्स एंड इंडस्ट्री (एनआईसीसीआई) काठमांडू के तत्वाधान में आयोजित की गई थी। वार्ता को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि दोनों देशों के लिए यह बेहतर पहल है। भारत नेपाल प्राचीन काल से दो शरीर हैं, लेकिन हमारी सांस्कृतिक विरासत एक दूसरे को एकात्म में जोड़ती है। दोनों देशों का एक दूसरे से हित जुड़ा है।

यह भी पढ़ेंः कृषि मंत्री कैलाश चैधरी ने किसानों के समस्याओं से अवगत हुए, हरसंभव मदद का आह्वान किया।

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि भारतीय सेना और घरों में नेपाल के लोगों की विश्वसनीयता सबसे मजबूत है। भारतीय सेना में नेपाल के लोग एक सामान्य सिपाही से लेकर उच्च पदों पर हैं। ये भारत का विश्वास है। इन्हीं विश्वासों पर सांझी विरासत टिकी है। उन्होंने कहा कि यूरोप के छोटे-छोटे देश, दुनिया में तेजी के साथ आगे बढ़ रहे हैं, फिर नेपाल इस प्रतिस्पर्धा में आगे क्यों नहीं बढ़ सकता है। उन्होंने कहा कि नेपाल बड़ा पॉवर सेंटर बन सकता है, टूरिज्म का सबसे बड़ा हब बन सकता है। बशर्ते इसमें बाधक तत्वों को चिन्हित कर इसका समाधान किया जाए। द्विपक्षीय संबंधों से रिश्तों में जमी बर्फ अपने आप पिघलती दिखाई देगी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने काशी विश्वनाथ से पशुपतिनाथ जी को जोड़ने का कार्य किया। जनकपुरी से अयोध्या को जोड़ा गया। वाराणसी अगर स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित हो रही है तो काठमांडू क्यों पीछे रहे।

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि नेपाल को पहचानना होगा कि उसका शत्रु कौन है और मित्र कौन है। उन्होंने कहा कि यह नेपाल के लिए सुनहरा मौका है। काशी विश्वनाथ मंदिर को स्थानीय लोगों के रोजगार से जोड़ा गया। मंदिर में चढ़ने वाले पुष्प और अन्य वस्तुओं से इत्र और धूप बनाई जा रही है, इस कार्य को 50 महिलाओं का समूह करता है। ये महिलाएं कभी नक्सलवाद से पीड़ित रहे गांव की रहने वाली हैं। अब इनका परिवार आर्थिक रूप से समृद्ध हो रहा है। इसी तरह मंदिर से गाइड के रूप में जुड़कर नौजवान लाखों रुपए महीने कमा रहे हैं। एक मंदिर कितने लोगों को रोजगार दे रहा है। नेपाल में ऐसे अनेक मंदिर और सांस्कृतिक धरोहर हैं। इसे रोजगार से जोड़ा जा सकता है।

Related Post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *